22 दिसंबर 2009
भारत से जीरा की निर्यात मांग बढ़ने की उम्मीद, तेजी संभव
टर्की और सीरिया में जीरे का स्टॉक सीमित होने के कारण आगामी दिनों में भारत से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। इसीलिए घरेलू बाजार में जीरे की मौजूदा कीमतों में दस से पंद्रह फीसदी की तेजी आने के आसार हैं। भारत में जीरे की नई फसल की आवक शुरू होने में अभी दो महीने का समय शेष है जबकि टर्की और सीरिया में नई फसल की आवक जुलाई-अगस्त महीने में बनेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे के दाम अन्य देशों के मुकाबले करीब 300-450 डॉलर प्रति टन कम होने के कारण भी भारत से मांग बढ़ रही है। मुंबई स्थित मैसर्स जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भास्कर शाह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अमेरिका और यूरोप के आयातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। जनवरी में खाड़ी देशों के आयातकों की मांग भी निकलने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में टर्की के जीरे के भाव बढ़कर 3300 डॉलर, सीरिया के जीरे के 3200 डॉलर और चीन तथा ईरान के जीरे के भाव 3100 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हो गए हैं। जबकि भारतीय जीरे के भाव 2800-2850 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। टर्की, सीरिया, ईरान और चीन के पास स्टॉक भी अब सीमित मात्रा में बचा हुआ है। ऐसे में भारत से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना से तेजी को बल मिल रहा है। इसीलिए पिछले दो-तीन दिनों में जीरे की कीमतों में करीब 200 रुपये की तेजी आकर भाव 2650-2700 रुपये प्रति बीस किलो हो गए।मैसर्स हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार के प्रोपराइटर वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऊंझा मंडी में जीरे का स्टॉक करीब छह- सात लाख बोरी (एक बोरी 55 किलो) का ही बचा हुआ है। इस समय जीरे की बिकवाली करीब आठ-दस हजार बोरी की हो रही है जबकि दैनिक सौदे 12 से 15 हजार बोरियों के हो रहे हैं। गुजरात में जीरे की बुवाई पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी कम हुई है। हालांकि राजस्थान में जीरे की बुवाई पिछले साल से बढ़ी है लेकिन अभी तक की बुवाई को देखते हुए कुल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले करीब दस फीसदी कम रहने की आशंका है। पिछले साल देश में जीरे का कुल उत्पादन 28 लाख बोरी का हुआ था। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान भारत से जीरा निर्यात में तीन फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 30,250 टन का हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 31,200 टन का हुआ था। जीरा व्यापारी रजनीकांत बी। पोपट ने बताया कि पिछले दो महीने से निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। वैसे भी अन्य प्रमुख देशों के पास स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है जिससे भारत से निर्यात मांग में इजाफा होने की संभावना है। घरेलू बाजार में जीरे की नई फसल की आवक फरवरी-मार्च में होगी।rana@businessbhaskar.net (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)
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