कोच्चि December 23, 2009
रबर के भारी आयात के बावजूद प्राकृतिक रबर की कम उपलब्धता से उद्योगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रबर का उपभोग करने वाले उद्योगों को ज्यादा कीमतों पर भी पर्याप्त स्टॉक नहीं मिल पा रहा है। इस साल अप्रैल से नवंबर के दौरान 1,32,445 टन रबर का आयात किया गया। हाल-फिलहाल के वर्षों में यह बड़ा आयात है।
पिछले साल इसी अवधि में 60,026 टन रबर का आयात किया गया था। इससे देश में रबर के स्टॉक में भी खासी बढ़ोतरी हुई है। रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2008 में 1,75,000 टन के स्टॉक की तुलना में इस साल नवंबर में 247,000 टन का रबर स्टॉक रहा।
सूत्रों के मुताबिक, इतना ज्यादा स्टॉक के बावजूद आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। एक बड़ी रबर कंपनी के उच्च अधिकारी का कहना है कि रबर बोर्ड के आंकड़े सही नहीं है। इसमें स्टॉक की जानकारी बढ़ा-चढ़ा कर दी गई है। यह उद्योग औैर सरकार दोनों को भ्रमित कर रहा है।
लेटेक्स और अन्य सभी तरह के रबर को मिलाकर देश में रबर का कुल स्टॉक 1,50,000 टन से ज्यादा नहीं है। टायर बनाने में काम आने वाले शीट रबर का स्टॉक करीब 85,000 टन है। इसमें बेंचमार्क ग्रेड आरएसएस-4 का स्टॉक 60,000-65,000 टन है। इसलिए बाजार मौजूदा समय में अच्छी गुणवत्ता वाले शीट रबर की किल्लत झेल रहा है।
कोच्चि के एक व्यापारी का कहना है कि 138 रुपये प्रति किलो पर भी जरूरत के मुताबिक रबर नहीं मिल पा रहा है। इससे कंपनियों को आपूर्ति सुनिश्चित करने में मुश्किल हो रही है। उनका कहना है कि इसकी मुख्य वजह मुनाफा कमाने के लिए रबर उत्पादकों और बड़े व्यापारियों का रबर की जमाखोरी करना है।
रोजाना बढ़ती कीमतों को देखते हुए रबर उत्पादक तुरंत बेचने की बजाए अच्छी कीमत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस हफ्ते रबर की कीमत 142 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। उत्पादकों को उम्मीद है कि कीमतें जल्द ही 150 रुपये तक भी पहुंच सकती हैं। इससे ऊंची कीमतों पर भी रबर मिलना मुश्किल हो रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि रबर बोर्ड जो आंकड़े दिखा रहा है वह सही नहीं है। बोर्ड यह साबित करने के लिए पूरा जोर लगा रहा है कि देश में रबर की कोई कमी नहीं है।
टायर उद्योग की बेचारगी
मुनाफे के लिए जमाखोरी करने से रबर की कीमतें लगातार बढ़ी हैं। रोजाना बढ़ती कीमतों के बीच उत्पादक अब अच्छी कीमत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस हफ्ते रबर 142 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसकी कीमत 150 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। (बीएस हिन्दी)
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