मुंबई December 21, 2009
अवैध खनन का जोर पकड़ता चलन कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा न बन जाए। इस बात ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के कान खड़े कर दिए हैं।
मंत्रालय ने राज्यों को सख्त ताकीद किया है कि अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाए। सरकारी एजेंसियों के मुताबिक कई राज्यों में अवैध खनन का धंधा बेहद तेजी से बढ़ रहा है और इससे हो रहे मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी हरकतों को अंजाम देने में किया जा सकता है।
राज्यों के साथ हालिया बैठक में गृह मंत्रालय ने कहा है कि अवैध खनन से भारी मात्रा में पैसा बनाया जा रहा है और माफिया इसका इस्तेमाल आपराधिक तत्वों को बढ़ावा देने में कर रहा है। एक उच्चस्तरीय सरकारी सूत्र का कहना है कि भारतीय खनन ब्यूरो (आईबीएम) ने करीब 17 राज्यों को चिह्नित किया है जहां पर अवैध खनन का काम चल रहा है।
इसमें कर्नाटक में बेल्लार-होस्पात, आंध्र प्रदेश में ओबुल्लापुरम, कुरनूल और कड़प्पा, उड़ीसा में बारबिल और झारखंड के पश्चिमी सिंहभूमि और गोड्डा जिलों का नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
हालात और बिगड़ते जा रहे हैं और केंद्र ने राज्यों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाए तो फिर केंद्र को ही कुछ दखल देना होगा। राज्यों और केंद्र के बीच अब 26 दिसंबर को इस मसले पर बैठक होनी है और केंद्र उम्मीद कर रहा है कि इस बैठक में राज्य किसी कारगर फॉर्मूले के साथ आएंगे।
अवैध खनन को खतरनाक मान रहा है केंद्रीय गृह मंत्रालयराज्य सरकारों को दी सख्त कदम उठाने की हिदायत (बीएस हिन्दी)
21 दिसंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें