अनजाने में ही सही, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को सिर्फ खरीद-बेच से ही फायदा कमाने का मौका दे दिया है। उत्तर प्रदेश में आयातित रॉ शुगर की आवक पर रोक लगाने के बाद वहां की मिलें आयात सौदों की चीनी विदेश में ही बेच रही हैं। विदेश में चीनी के दाम और बढ़ने से चीनी मिलों को सिर्फ खरीद-बेच से मुनाफा कमाने का अवसर मिल गया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से देश में रॉ शुगर आयात के जरिये चीनी की सुलभता बढ़ाने की केंद्र सरकार की योजना बेकार साबित हो गई है। विदेशी बाजार में चालू महीने में रॉ शुगर की कीमतें 18 फीसदी बढ़कर 27.08 सेंट प्रति बुशल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। उधर उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने आयातित रॉ शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) की राज्य में आवक पर रोक लगा रखी है।
विदेशी बाजार में भाव तेज होने से पिछले एक सप्ताह में घरेलू बाजार में भी चीनी के दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने आयातित रॉ शुगर को राज्य में लाने पर रोक लगा रखी है। इसलिए राज्य की मिलों को चीनी आयात के सौदों को विदेश में ही बेचना पड़ रहा है। अब चूंकि राज्य में गन्ने की कीमत का मामला भी सुलझ चुका है इसलिए राज्य सरकार को तुरंत आयातित रॉ शुगर की आवक पर रोक हटा लेनी चाहिए क्योंकि राज्य में गन्ने की कमी के कारण चालू पेराई सीजन में मिलों का पेराई सीजन भी पिछले साल से पहले पूरा हो जाएगा।
विदेशी बाजार में चालू महीने में रॉ शुगर की कीमतों में 18 फीसदी की तेजी आ चुकी है। एक दिसंबर को विदेशी बाजार में रॉ शुगर के दाम 22.95 सेंट प्रति पाउंड थे जो कि बढ़कर 27.08 सेंट प्रति पाउंड के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की रिकार्ड तेजी का प्रमुख कारण इंटरनेशनल शुगर ऑर्गनाईजेशन की रिपोर्ट है जिसके मुताबिक ब्राजील और भारत में प्रतिकूल मौसम से चीनी के उत्पादन में गिरावट आएगी। विश्व में चीनी का उत्पादन मांग के मुकाबले 72 लाख टन कम रहने की आशंका है।
सिंभावली शुगर मिल्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष ए।के. श्रीवास्तव ने बताया कि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय तेजी के कारण बढ़ी हैं। विश्व में चूंकि चीनी का उत्पादन कम रहने की आशंका है इसीलिए विदेशी बाजार में भाव बढ़े हैं। एक्स-फैक्ट्री चीनी के दाम बढ़कर शनिवार को 3450-3600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि दिल्ली थोक बाजार में भाव 3600-3750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। रेणुका शुगर के डायरेक्टर जी.के. सूद के बताया कि भारत को घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और 20 लाख टन चीनी वर्ष 2009-10 में आयात करनी होगी। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
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