गन्ने को लेकर पंजाब की सहकारी और प्राइवेट चीनी मिलांे में प्राइस वार छिड़ गया है। इसके चलते सहकारी मिलों को भी राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से अधिक कीमत देनी पड़ रही है। अधिक गन्ना जुटाने की होड़ में प्राइवेट मिलों ने किसानों को 2फ्0 से 2ब्0 रुपये प्रति क्विंटल का भाव और एडवांस देकर खींचना शुरूकर दिया है। वहीं, सहकारी मिलों ने भी गन्ने का भाव एसएपी से 20 रुपये क्विंटल बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया है। इसके बावजूद शुगरफेड पंजाब को आशंका है कि राज्य की सहकारी मिलों को इस बार भारी नुकसान होगा।
शुगरफेड पंजाब के चेयरमैन प्रीतम सिंह कौंटा के मुताबिक पंजाब में गन्ने के घटते रकबे के चलते इसका उत्पादन भी कम हो गया। पंजाब की मोरिंडा, नवांशहर व बुड्ढेवाल सहकारी मिलों की हालत काफी खराब है। इन मिलों के इस बार बड़े घाटे में जाने की आशंका है। निजी मिलें ऊंचे भावों पर किसानों से गन्ना खरीद रही हैं। इससे किसानों का तो फायदा हो रहा है, लेकिन सहकारी मिलों के लिए यह संकट की स्थिति है। पंजाब की सहकारी मिलों में गन्ने के भाव 180 रुपये क्विंटल से बढ़ाकर 200 क्विंटल कर दिए गए हैं, पर निजी मिलें इससे भी अधिक भाव देकर गन्ना बटोर रही हैं।नाहर इंडस्ट्रियल एंटरप्राइजेज की अमलोह (मंडीगोबिंदगढ़) स्थित चीनी मिल के मैनेजर सुधीर के मुताबिक मिल की तरफ से किसानों को 220 रुपये क्विंटल का भाव दिया जा रहा है। इसके अलावा आने वाली बुवाई के लिए किसान को 50 हजार रुपये एडवांस भी दिए जा रहे हैं।
जो किसान अपने बीज से ही गन्ने की बुवाई करेंगे उन्हें 12,000 रुपये का कर्ज बिना ब्याज के दिया जाएगा। इसके अलावा गन्ने की फसल के लिए उपयोग में आने वाली दवाओं पर 25 फीसदी सब्सिडी के अलावा ट्रैंच मशीनों पर भी सब्सिडी दी जाएगी। धूरी शुगर मिल के जीएम गुरबचन सिंह के मुताबिक उनकी मिल किसानों को 220 रुपये क्विंटल के लिहाज से भुगतान कर रही है। उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी चीनी मिलों ने गन्ने का दाम बढ़ाकर 220-225 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। राज्य के सहारनपुर में स्थित उत्तम शुगर मिल्स लिमिटेड ने 22 दिसंबर को ही भाव बढ़ा दिए थे जिससे अन्य मिलों पर भी मूल्यवृद्धि का दबाव बढ़ गया था। (बिज़नस भास्कर)
29 दिसंबर 2009
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