29 दिसंबर 2009
क्रूड ऑयल महंगा होने से मोम के दाम 12 फीसदी बढ़े
पिछले चार माह के दौरान क्रूड आयल के दाम बढ़ने की वजह से मोम की कीमतों में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। कारोबारियों के अनुसार आर्थिक हालात सुधरने के कारण इसकी मांग भी सुधरी है। दिल्ली के केमिकल बाजार में चार माह के दौरान इंडियन (इंडियन ऑयल का) मोम के 76 रुपये से बढ़कर 87 रुपये, चीन से आयातित मोम के दाम 74 रुपये से बढ़कर 84 रुपये और ईरान से आयातित मोम के दाम 10 रुपये बढ़कर 55-62 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं।दिल्ली के मोम कारोबारी सुभाष जैन ने बिजनेस भास्कर को बताया पिछले चार माह के दौरान क्रूड ऑयल के दाम 60 डॉलर से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। इस वजह से मोम की कीमतों में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। उनके अनुसार आर्थिक हालात सुधरने की वजह पिछले साल के मुकाबले इसकी मांग में भी हल्का सुधार हुआ। गौरतलब है कि मोम की खपत सबसे अधिक दिवाली के अवसर पर होती है। मोम कारोबारी सुरेश शर्मा का कहना है कि दिवाली पर मोमबत्ती के निर्माण में मोम का उपयोग होता है। इस बार भी दिवाली पर मोम की मांग में बहुत अधिक इजाफा नहीं हुआ था। हालांकि पिछले साल के मुकाबले सुधार जरूर था। उनके मुताबिक पिछले दो वषों से दिवाली पर मोम के दाम अधिक होने के कारण इसकी बिक्री में खासी कमी आ रही है।दो साल पहले मोम के दाम 50-55 रुपये प्रति किलो के आसपास रहते थे। उनके अनुसार लोग अब दिवाली पर मोमबत्ती महंगी होने के कारण सजावट के लिए लाइटिंग पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। उनका कहना है कि इस बार मोम के दाम वर्ष 2008 की दिवाली के मुकाबले कम थे। पिछले साल दिवाली पर 100 रुपये प्रति किलो के ऊपर चले गए थे। दरअसल पिछले साल क्रूड ऑयल के 147 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने के कारण इसके मूल्यों में भारी बढ़ोतरी हुई थी। कारोबारियों के अनुसार मोम के महंगा होने के कारण मोमबत्ती निर्माताओं ने इसकी खरीदारी कम की थी। निर्माताओं ने दाम बढ़ाने की बजाय मोम बत्ती के पैकेट का वजन करने का रास्ता अपनाया था। कारोबारियों के मुताबिक पिछले दो वषों के दौरान इसकी बिक्री में 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। इसकी वजह मोम के दाम अधिक रहना है। (बिज़नस भास्कर)
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