नई दिल्ली December 26, 2009
खरीफ सीजन में चावल की उपज 15 फीसदी कम रहने के बावजूद मौजूदा विपणन सत्र में इसकी खरीद पिछले साल से थोड़ी ज्यादा रही है।
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कम ही चावल खरीदे गए हैं पर पंजाब और हरियाणा में इसकी खरीद बढ़ी है। अक्टूबर से सितंबर तक चलने वाले सीजन में अब तक 1.485 करोड़ टन चावल खरीदे गए हैं। पिछले साल इस अवधि तक 1.439 करोड़ टन चावल की ही खरीद हुई थी।
बीते सीजन में कुल 3.36 करोड़ टन चावल खरीदे गए थे। खरीफ सीजन अच्छा न रहने से सरकार का मौजूदा सीजन में महज 2.6 करोड़ टन चावल खरीदने का ही लक्ष्य है। केंद्र सरकार के अनाज पूल में 1 दिसंबर तक कुल 2.516 करोड़ टन चावल का भंडार था। यह बफर स्टॉक की तय सीमा 52 लाख टन से काफी ज्यादा है।
जनवितरण की विभिन्न योजनाओं के तहत चावल की सालाना खपत 2.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'इस सीजन में हम यदि 2.5 करोड़ टन चावल भी खरीद पाए तो अगले सीजन की शुरुआत में हमारा सरप्लस भंडार करीब 1.5 करोड़ टन होगा।'
मौजूदा सीजन में पंजाब में चावल की खरीद ज्यादा रही है। पिछले सीजन में 81 लाख टन चावल की खरीद हुई थी। इस बार अब तक 92.5 लाख टन की खरीद हो चुकी है। हरियाणा में 18 लाख टन (पिछले साल 13.6 लाख टन) और छत्तीसगढ़ में 11.1 लाख टन (9.18 लाख टन) चावल खरीदे जा चुके हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में खरीद में कमी हुई है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 11 लाख टन (पिछले साल 14.5 लाख टन), आंध्र प्रदेश में 7.28 लाख टन (12.4 लाख टन) और उड़ीसा में 3.52 लाख टन (3.97 लाख टन) चावल खरीदे गए हैं। कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमानों के मुताबिक, देश में इस साल खरीफ चावल का उत्पादन पिछले साल (8.46 करोड़ टन) से 15 फीसदी कम रहने का अनुमान है।
अपर्याप्त बारिश से खरीफ सीजन में धान का रकबा 16 फीसदी घटकर 3।154 करोड़ हेक्टेयर रह गया। सरकार ने खरीफ धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 11.76 फीसदी बढ़ाकर 950 रुपये (सामान्य किस्म) कर दिया है। सबसे बढ़िया किस्म की कीमत बढ़ाकर 980 रुपये कर दी गई है। सरकार ने 50 रुपये का बोनस भी घोषित किया है। (बीएस हिन्दी)
26 दिसंबर 2009
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