नई दिल्ली 12 23, 2009
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 13 जनवरी को वाहन ईंधन को नियंत्रण मुक्त करने पर विचार कर सकते हैं। इस दिन वह वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के साथ सरकारी तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेंगे।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और ईंधन की कीमतों से जुड़ी विशेषज्ञों की समिति के अध्यक्ष और योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारिख भी इस चर्चा में भाग ले सकते हैं। यह बैठक पेट्रोलियम क्षेत्र विशेष तौर पर सरकारी तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई है।
इसमें पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने के बारे में बातचीत हो सकती है क्योंकि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को चालू वित्त वर्ष में लागत से कम कीमत पर पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस और केरोसिन की बिक्री के कारण 45,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है।
तेल बॉन्ड के अभाव में एचपीसीएल और बीपीसीएल को नुकसान हुआ जबकि आईओसी को मामूली मुनाफे पर रहना पड़ा। सरकारी कंपनियों के अलावा ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार ऑयल और शेल जैसी निजी कंपनियों ने भी पेट्रोल और डीजल की कीमत को नियंत्रण मुक्त करने की मांग की है। (बीएस हिन्दी)
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