नई दिल्ली December 30, 2009
अगली तिमाही में सरकार खुले बाजार में 36 लाख टन अनाज बेच सकती है।
खाद्यान्न की कीमतों में तेजी को देखते हुए महंगाई दर पर काबू पाने के लिए सरकार से इस कदम की उम्मीद की जा रही है। इसमें करीब 28.5 लाख टन गेहूं और 7,37,344 टन चावल शामिल है।
अक्टूबर-दिसंबर के दौरान सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिए खुले बाजार में 15 लाख टन गेहूं और 5 लाख टन चावल की बिक्री की घोषणा की है। इतनी ही मात्रा में अनाज की खुले बाजार में बिक्री की घोषणा जनवरी-मार्च अवधि के लिए की गई है।
बहरहाल चालू तिमाही में सरकार कुल 1,47,949 टन गेहूं और 2,62,656 टन चावल खुले बाजार में बेचने में सफल हुई है। बिक्री में कमी की प्रमुख वजह खुले बाजार में अनाज की बिक्री की घोषणा में देरी और थोक कारोबारियों की तुलना में गेहूं के दाम में कमी रही। इसके चलते करीब 13.5 लाख टन गेहूं और 2,37,344 टन चावल खुले बाजार में अगली तिमाही में बिक्री के लिए बचा हुआ है।
अगर इसे अगली तिमाही के कोटे में शामिल कर लिया जाए तो गेहूं और धान की खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्धता क्रमश: 28.5 लाख टन और 7,37,344 लाख टन हो जाएगी। खाद्यान्न की घरेलू कीमतें दशक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। 12 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्यान्न महंगाई दर 18.65 प्रतिशत रही, क्योंकि मांग और आपूर्ति की खाईं बढ़ गई है।
साथ ही मॉनसून 37 साल की तुलना में सबसे खराब रहने की वजह से खरीफ की फसलें प्रभावित हुई हैं। खाद्यान्न की कीमतें बढ़ने की वजह से महंगाई दर उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़कर नवंबर में 4.78 प्रतिशत पर पहुंच गई।
एफसीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'गेहूं की मांग मुख्य रूप से राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात से है। वहीं चावल की मांग हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक से है।'
10 लाख टन गेहूं की सुरक्षित कीमतों में, जो बढ़े खरीदारों (फ्लोर मिलों) के लिए है, की कीमतों में 24 दिसंबर से करीब 185 रुपये प्रति क्विंटल की कमी कर दी गई है। यह फैसला मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के फैसले के बाद लिया गया। कीमतों में इस कमी के बाद चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के लिए गेहूं की कीमतें 1240 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हो गई हैं।
वहीं पोर्ट ब्लेयर के लिए कीमतें 1640 रुपये प्रति क्विंटल हैं। बहरहाल 20 लाख टन गेहूं की कीमतें खुदरा बिक्री के लिए कम रखी गई हैं और यह चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा के लिए 1100 रुपये प्रति क्विंटल और पोर्ट णब्लेयर के लिए 1500 रुपये प्रति क्विंटल हैं। राज्य सरकार की एजेंसियां इस गेहूं को एफसीआई से खरीद सकती हैं और इसे 2 रुपये प्रति किलो से कम मुनाफे पर उपभोक्ताओं को बेच सकती हैं।
वहीं चावल की कीमतें खुदरा बिक्री के लिए सामान्य ग्रेड की 1495 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए के लिए 1540 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई हैं। यह कीमतें सभी राज्यों के लिए समान हैं। भले ही इस बिक्री से खुले बाजार की कीमतों पर प्रभाव न पडे, लेकिन इससे निश्चित रूप से उपलब्धता बढ़ेगी।
36 लाख टन अनाज बेच सकती है सरकार
जनवरी-मार्च तिमाही में सरकार खुले बाजार में 28।5 लाख टन गेहूं और 7.37 लाख टन चावल बेच सकती हैअक्टूबर-दिसंबर तिमाही में नहीं पूरा हो सका था बिक्री का लक्ष्यगेहूं की मांग राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू मेंचावल की मांग हिमाचल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में (बीएस हिन्दी)
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