कोच्चि December 18, 2009
दुनिया के सबसे बड़े काली मिर्च निर्यातक वियतनाम का निर्यात चालू कैलेंडर वर्ष के शुरुआती 11 महीनों में 43 फीसदी उछला है।
दूसरी ओर भारत ने जनवरी से नवंबर के बीच 17.15 हजार टन काली मिर्च का निर्यात किया। यह पिछले साल से 23 फीसदी कम है। जनवरी से नवंबर के दौरान वियतनाम ने कुल 1.28 लाख टन काली मिर्च निर्यात की।
पिछले साल इस अवधि में उसने 89.7 हजार टन काली मिर्च निर्यात की थी। इस तरह वियतनाम ने भारत से 7.5 गुना ज्यादा निर्यात किया। इससे वैश्विक काली मिर्च बाजार में भारत का महत्व कम होने का पता चलता है। मौजूदा वित्त वर्ष में भी काली मिर्च की निर्यात तस्वीर धुंधली रही।
अप्रैल से नवंबर के बीच भारत ने कुल 13 हजार टन काली मिर्च निर्यात किया। पिछले साल इसी अवधि में 16.85 हजार टन काली मिर्च का निर्यात हुआ था। पिछले 2-3 साल में पूरी दुनिया में भारतीय काली मिर्च की सबसे ज्यादा कीमतों के चलते निर्यात में कमी हुई है। इंडियन एमजी-1 ग्रेड की कीमत औसतन 250 डॉलर प्रति टन ज्यादा रही।
काली मिर्च का परंपरागत उत्पादक भारत ऊंची कीमतों के चलते अपने पुराने बाजारों यूरोप और अमेरिका को तेजी से खो रहा है। वहीं इस साल वियतनाम से अमेरिका और यूरोप को निर्यात में जोरदार बढ़ोतरी हुई है।
वियतनाम से जर्मनी को निर्यात में अप्रैल से नवंबर की अवधि में 118 फीसदी की वृद्धि हुई। वैश्विक आर्थिक मंदी का निर्यात पर बुरा असर पड़ रहा था, लेकिन वियतनाम के प्रदर्शन ने इस सिद्धांत को खारिज कर दिया।
काली मिर्च की ऊंची कीमतों की वजह उत्पादन की तुलना में ज्यादा खपत रही। यहां काली मिर्च की सालाना खपत 40 हजार टन है तो उत्पादन 55 हजार टन। वियतनाम हर साल 1.2 लाख टन काली मिर्च पैदा करता है। वह केवल 3,500 टन की खपत करता है।
मजेदार बात यह कि इसने इस साल दुबारा निर्यात के लिए 10,000 टन काली मिर्च का आयात ब्राजील, कंबोडिया और भारत से किया। फरवरी से शुरू होने वाले अगले सीजन में वियतनाम का उत्पादन 8-9 फीसदी कम यानी करीब 1.1 लाख टन रहने का अनुमान है। वियतनाम काली मिर्च संघ के मुताबिक, केत्साना तूफान के चलते करीब 1,000 हेक्टेयर की फसल तबाह हो गई।
केरल के कोट्टायम, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जिले में हार्वेस्टिंग शुरू हो गई है। इडुक्की और वायनाड में हार्वेस्टिंग जनवरी में ही शुरू हो पाएगी। शुरुआती संकेत हैं कि चालू सीजन में उत्पादन 55 हजार टन रहेगा। 2009 सीजन में देश में काली मिर्च का उत्पादन 50 हजार टन था। कर्नाटक के काली मिर्च के सबसे बड़े उत्पादक (25 से 27 हजार टन) बनकर उभरने का अनुमान है। (बीएस हिन्दी)
19 दिसंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें