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18 दिसंबर 2009

मिलों को रॉ शुगर की सप्लाई के लिए राज्यों से सहयोग का आग्रह

केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे आयातित चीनी को बंदरगाहों से चीनी मिलों तक पहुंचाने में मदद करें। इससे चीनी की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान खाद्य एवं कृषि राज्य मंत्री के. वी. थॉमस ने कहा कि यह भी एक मुद्दा है। उन्होंने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर अपील की है कि बंदरगाहों पर पड़ी रॉ शुगर को चीनी मिलों तक पहुंचाने में सुविधाएं मुहैया कराएं। देश में चीनी की किल्लत है और केंद्र घरेलू आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश में जुटा है। पिछले सीजन में आयात की गई रॉ शुगर का बड़ा हिस्सा अब भी बंदरगाहों पर पड़ा है। देश के दूसरे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश ने गन्ने के उचित मूल्य को लेकर किसानों के विरोध को देखते हुए रॉ शुगर की मिलों को सप्लाई नहीं हो पा रही है। कानून व्यवस्था का हवाला देकर राज्य सरकार ने रोक लगा रखी है। पिछले महीने राज्य के किसानों ने गन्ने के ज्यादा मूल्य की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। ऐसे में चीनी मिलों को रॉ शुगर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (आईएसएमए) के कार्यकारी महानिदेशक एम. एन. राव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रॉ शुगर की सप्लाई किसानों के आंदोलन के समय कुछ समय के लिए रोकी गई थी। अब राज्य सरकार को इस विषय में एक औपचारिक स्पष्टीकरण देना बाकी है। इसके अलावा रेलवे भी आयातित रॉ शुगर की ढुलाई के लिए वैगन मुहैया नहीं करा रहा है क्योंकि सरकार के स्पष्टीकरण देने तक वह संपत्ति को नुकसान का खतरा नहीं उठाना चाहती। पिछले महीने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने कहा था कि उन्होंने केंद्र से अपील की है कि जब तक राज्य में गन्ने की पेराई पूरी नहीं हो जाती रॉ शुगर की सप्लाई नहीं की जानी चाहिए।अक्टूबर-नवंबर में चीनी उत्पादन 9.6 फीसदी घटामुंबई। देश का चीनी उत्पादन चालू सीजन के पहले दो महीनों में गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 9.6 फीसदी घटा है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि इस दौरान 17 लाख टन चीनी का उत्पादन देश में हुआ, जबकि गत वर्ष यह 18.8 लाख टन था। प्रमुख उत्पादक राज्यों और किसानों के बीच गन्ने की कीमतों को लेकर हुए विवाद के कारण उत्पादन घटा है। दीर्घकालिक योजना बनाई जाए : संसदीय पैनलनई दिल्ली। एक साल में चीनी की कीमतें दोगुनी होने से चिंतित एक संसदीय पैनल ने कहा है कि कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार को दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए। लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण पर स्टैंडिंग कमेटी ने यह बात कही है। (बिज़नस भास्कर)

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