18 दिसंबर 2009
जूट मिलों में हड़ताल से जूट का भाव तेज
जूट मिलों में हड़ताल की वजह से आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में बढ़ोतरी हो सकती है। जूट मिलों में कर्मचारी महंगाई भत्ता, प्रॉवीडेंट फंड, ग्रेच्युटी, बोनस और न्यूनतम मजदूरी के भुगतान की मांग को लेकर 14 दिसंबर से बेमियादी हडताल पर चले गए हैं। इन दिनों कच्चे जूट (टीडी-5 किस्म) के दाम 2750 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। पिछले चार दिनों में इसके मूल्यों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।इंडियन जूट मिल इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन के चैयरमेन संजय कजरिया ने बिजनेस भास्कर को बताया पश्चिम बंगाल की 54 में से 50 जूट मिलों में इन दिनों हड़ताल चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर जूट की मांग अच्छी चल रही हैं।कारोबारी जूट का स्टॉक कर रहे हैं, जिससे मिलें चालू होने पर ऊंचे भाव में बेचा जा सके। यही कारण है कि आगे जूट की कीमतों में तेजी के आसार है। कजरिया का कहना है जूट की कीमतों में कितनी तेजी आएगी, यह हड़ताल पर निर्भर करेगा। गेंगेज जूट प्राइवेट लि। के डायरेक्टर अभिषेक पोद्दार का कहना है कि मजबूत मांग के बीच लक्ष्य के मुकाबले जूट का उत्पादन कम रहने के पिछले एक माह के दौरान कच्चे जूट के दाम 2470 रुपये से बढ़कर 2750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। सरकार ने जूट के उत्पादन में आ रही कमी के मद्देनजर जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की थी। सीजन 2009-10 के लिए सरकार ने एमएसपी को दस फीसदी बढ़ाकर 1375 रुपये क्विंटल किया। अगले सीजन के लिए एमएसपी में 300 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा होने की संभावना है। चालू सीजन के दौरान देश में जूट का उत्पादन 96.98 लाख गांठ होने के अनुमान है जबकि सरकार ने 102 लाख गांठ का लक्ष्य रखा था। उल्लेखनीय है कि नई फसल के पहले जुलाई में पिछली समान अवधि के मुकाबले जूट के दाम दोगुने बढ़कर 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक चले गए थे। (बिज़नस भास्कर)
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