18 दिसंबर 2009
देश में कॉटन उत्पादन 5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान
चालू खरीफ सीजन में देश में कॉटन का उत्पादन पांच फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2009-10 में कॉटन की पैदावार 307 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) होने की संभावना है। पैदावार में बढ़ोतरी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के भाव तेज होने के कारण भारत से निर्यात भी बढ़कर 70 लाख गांठ होने की संभावना है। इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतों पर विदेशी मांग का दबाव रह सकता है।सीएआई के अध्यक्ष डी। एन. सेठ ने बताया कि चालू सीजन में नई फसल के समय 71.50 लाख गांठ का बकाया स्टॉक बचा हुआ था जबकि भारत में करीब आठ लाख गांठ आयात होने की संभावना है। ऐसे में बकाया उत्पादन, बकाया स्टॉक और आयात को मिलाकर चालू सीजन में कुल उपलब्धता 386.50 लाख गांठ की बैठेगी जबकि देश में कपास की सालाना खपत 245 गांठ होने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी और अभी तक के निर्यात सौदों को देखते हुए इस कुल निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ होने की संभावना है। ऐसे में घरेलू खपत और निर्यात को मिलाकर कुल मांग 315 लाख गांठ की रहेगी। अत: 2010-11 में कपास के नए सीजन की शुरूआत में 71.50 गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचेगा।नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम पिछले एक साल में करीब 32 फीसदी बढ़ चुके हैं। इस समय न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के दिसंबर वायदा अनुबंध के भाव 76.25 सेंट प्रति पाउंड चल रहे हैं। जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसके भाव 44.14 सेंट प्रति पाउंड थे। चालू सीजन में अभी तक मंडियों में करीब 70 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। (बिज़नस भास्कर)
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