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17 दिसंबर 2009

गन्ने में मिठास बढ़ाने की तकनीक सिंजेंटा को मिली

गन्ने में चीनी की मात्रा बढ़ाने वाले शुगर बूस्टर जीन का विकास किया गया है। सीएसआर लिमिटेड की शुगर यूनिट ने कहा है कि उसने सिंजेंटा क्रॉप प्रोटेक्शन एजी के साथ एक समझौता किया है। जिसके तहत सिंजेंटा को सीएसआर की शुगरबूस्टर जीन टैक्नालॉजी के विश्वव्यापी अनुसंधान और इसके व्यावसायिक उपयोग का विशिष्ट अधिकार मिलेगा। इससे ऑस्ट्रेलियाई उद्योग का वैश्विक बायोटैक्नालॉजी कंपनियों के साथ संपर्क बन जाएगा।सीएसआर के एक बयान के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड द्वारा सीएसआर के साथ मिलकर शुगर बूस्टर टैक्नालॉजी का आविष्कार और विकास किया गया है। इस तकनीक को पेटेंट भी मिल गया है। इस तकनीक से गन्ने की ऐसी किस्में विकसित हो सकेंगी जिनमें चीनी की मात्रा ज्यादा होगी। बयान में बताया गया है कि शुगर बूस्टर प्रमुख चीनी उत्पादक फसलों में खाने व बायोफ्यूल उत्पादन के लिए चीनी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रमुख तकनीक है। समझौते के अनुसार स्विटजरलैंड की एग्री बिजनेस कंपनी सिंजेंटा से सीएसआर को ऑस्ट्रेलिया के बाहर तकनीक की बिक्री के लिए भारी-भरकम फीस मिलेगी। सीएसआर ने ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय उद्योग के लाभ के लिए तकनीक के व्यावसायिक उपयोग का अधिकार अपने पास रखा है। सीएसआर शुगर के चीफ एक्जीक्यूटिव इयान ग्लेसन ने कहा कि अभी भी यह तकनीक व्यवसायिक रूप से जारी होने में कई साल लगेंगे लेकिन सिंजेंटा के साथ समझौता होने से उच्च पैदावार वाली नई किस्मों के विकास की संभावना बढ़ जाएगी।डेढ़ माह से चीनी आयात के नए सौदे नहींनई दिल्ली। भारत में पिछले डेढ़ माह से चीनी आयात के नए सौदे नहीं हो रहे हैं। विश्व बाजार में दाम ऊंचे होने और घरेलू बंदरगाहों पर पिछला स्टॉक न हटने के कारण नए आयात सौदे नहीं हो रहे हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय कुमार ने कहा कि रेलवे वैगन की कमी के चलते बंदरगाहों पर स्टॉक बढ़ता जा रहा है। कांडला जैसे बंदरगाहों पर गोदाम सुविधा की कमी से भी आयात धीमा पड़ गया है। ऑस्ट्रेलिया के गन्ना उत्पादकों के संगठन के चीफ एक्जीक्यूटिव इयान बेलांटाइन ने कहा है कि आने वाले सप्ताह और महीनों के दौरान रॉ शुगर के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि पूरी दुनिया में चीनी की सुलभता कम रह सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि चीनी के दाम अगले साल में 30 सेंट प्रति पाउंड तक बढ़ सकते हैं। अगले साल मार्च या अप्रैल से पहले पूरी दुनिया में किसी भी देश के पास निर्यात के लिए चीनी सुलभ नहीं होगी। ब्राजील से निर्यात के लिए चीनी की सुलभता मार्च में ही होने की संभावना है। (डो जोंस) (बिज़नस भास्कर)

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