कुल पेज दृश्य

17 दिसंबर 2009

आंध्र में लाल मिर्च उत्पादन 25फीसदी की बढ़ने की उम्मीद

आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की पैदावार में 25 फीसदी बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले साल आंध्र प्रदेश में एक करोड़ बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) लाल मिर्च की पैदावार हुई थी जबकि चालू सीजन में पैदावार बढ़कर 1।25 करोड़ बोरी होने की संभावना है। नई फसल की आवक जनवरी के प्रथम सप्ताह में शुरू होगी लेकिन निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग कमजोर होने से पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। गुंटूर चिली मर्च्ेट एसोसिएशन के सचिव सुधाकर कोठूरी ने बताया कि लाल मिर्च के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम के कारण नई फसल का उत्पादन बढ़कर 1.25 करोड़ बोरी होने की संभावना है। नई फसल की आवक जनवरी में शुरू हो जाएगी। अत: नई फसल को देखते हुए बांग्लादेश, श्रीलंका और इंडोनेशिया के आयातकों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। घरेलू बाजार में मसाला निर्माताओं की मांग भी कम हो गई है। इसलिए पिछले एक सप्ताह में गुंटूर में लाल मिर्च की कीमतों में करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है।मुंबई स्थित मैसर्स अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से निर्यातकों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। जनवरी में आंध्र प्रदेश की उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी इसीलिए निर्यात मांग पहले की तुलना में घट गई है। उधर मध्य प्रदेश की मंडियों में भी लाल मिर्च की साप्ताहिक आवक बढ़कर करीब एक लाख बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) की हो गई है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में 12 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 108,250 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 123,500 टन का हुआ था।लाल मिर्च व्यापारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बताया कि गुंटूर में इस समय लाल मिर्च का लगभग 10 लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। निर्यातकों के साथ घरेलू मांग कमजोर बनी हुई जबकि स्टॉकिस्टों ने बिकवाली बढ़ा दी है। इसीलिए गिरावट को बल मिल रहा है। बुधवार को मंडी में 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5,000-5,500 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 5,800-6,200 रुपये, तेजा क्वालिटी के भाव 6,000- 6,500 रुपये, सनम क्वालिटी के 5,300 से 5,600 रुपये और फटकी क्वालिटी के 1,800-3,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आवकों का दबाव बनने पर फरवरी-मार्च तक मौजूदा की कीमतों और भी 1000-1200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। इंदौर के लालमिर्च व्यापारी खजोर मल प्रजापति ने बताया कि राज्य की मंडियों में साप्ताहिक आवक बढ़कर एक लाख बोरी की हो गई है। जबकि भाव 4000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: