21 सितंबर 2010
मांग तो बढ़ेगी लेकिन दाम नही
इस बार त्योहारों में खाद्य तेलों के दाम पिछले साल की तरह तेज नहीं रहेंगे। चालू खरीफ में तिलहन उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। अगस्त में खाद्य तेलों का रिकार्ड आयात भी हुआ है। ऐसे में त्योहारी मांग निकलने से आगामी दिनों में खाद्य तेलों की मांग तो बढ़ेगी, लेकिन मांग के मुकाबले उपलब्धता ज्यादा होने से कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। दिल्ली वैजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि घरेलू बाजार में आयात में बढ़ोतरी होने से खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है। साथ ही बुवाई में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से खरीफ में तिलहनों का उत्पादन भी बढ़ेगा। इसीलिए दिपावली पर खाद्य तेलों की मांग बढऩे के बावजूद मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है। उन्होंने बताया कि सोमवार को दादरी में सरसों तेल का भाव 530 रुपये, क्रुड पॉम तेल का भाव कांडला बंदरगाह पर 420 रुपये, आर बी डी पॉमोलीन का 450-455 रुपये, इंदौर में सोया रिफाइंड तेल का भाव 475 रुपये तथा हरियाणा की मंडियों में बिनौला तेल का भाव 880-890 रुपये प्रति दस किलो बोला गया। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अनुसार अगस्त महीने में 10,65,421 खाद्य तेलों का आयात हुआ है जोकि किसी एक महीने में अभी तक का रिकार्ड है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इसमें 64 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल अगस्त महीने में 6,50,603 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। चालू तेल वर्ष के पहले दस महीनों (नवंबर-09 से अगस्त-10) के दौरान देश में 74.47 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पांच फीसदी ज्यादा है। पिछले साल इस समय तक 70.07 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। पहली सितंबर को भारतीय बंदरगाहों पर 6.80 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक बचा हुआ है जबकि करीब सात लाख टन खाद्य तेलों के आयात सौदे हो चुके हैं। साई सिमरन फुड लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि उत्पादक मंडियों में सोयाबीन का 15 से 18 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है। अनुकूल मौसम से चालू खरीफ में सोयाबीन का उत्पादन भी बढऩे की संभावना है। तथा रबी में सरसों की बुवाई भी ज्यादा होने का अनुमान है। इसीलिए खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में 171.39 लाख हैक्टेयर में तिलहनों की बुवाई हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 167.70 लाख टन से ज्यादा है। (Business Bhaskar....aar as raana)
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