मुंबई September 29, 2010
चांदी की कीमतों में अचानक आई उछाल से सोने के साथ इसके अनुपात को 60 के सामान्य स्तर से नीचे ला दिया है जिससे संकेत मिलता है कि इस धातु ने शानदार प्रदर्शन किया है और इसमें अब निवेशकों के लिए कम ही गुंजाइश बची है। चांदी के संदर्भ में सोना फिलहाल तब तक निवेश के लिए आकर्षक बना हुआ है जब कि यह अनुपात स्तर 70 तक नहीं चला जाता है। इन कीमती धातुओं के निवेशक निवेश से पहले चांदी और सोने के बीच इस अनुपात को देखते हैं, क्योंकि दोनों ही धातुओं को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। सोने के साथ चांदी का अनुपात पिछले साल अक्टूबर के बाद पहली बार 60 से नीचे आया है जिससे संकेत मिलता है कि निवेश सोने की तरफ मुड़ रहा है। यह कहा जा सकता है कि सोने में बढ़त की क्षमता बरकरार है। जब सोना 500 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था और चांदी 5 डॉलर प्रति औंस पर तो कारोबारी सोने-चांदी का अनुपात 100 पर जाने का अनुमान लगा रहे थे। ऐतिहासिक रूप से इस अनुपात में 100 की सर्वाधिक ऊंचाई 90 के दशक के शुरू में दर्ज की गई थी जब चांदी 3 डॉलर से बढ़ कर 8 डॉलर पर पहुंच गई थी। उस दौरान इस धातु की कीमतों में लगभग 200 फीसदी का इजाफा हुआ था। इसी तरह 2003 में जब यह अनुपात 80 के आसपास था तो कीमतें 100 फीसदी उछल कर 4 डॉलर से 8 डॉलर प्रति औंस हो गई थीं। 2009 में यह अनुपात 79 के आसपास आया और चांदी 10 डॉलर से बढ़ कर 16 डॉलर पर पहुंच गई। इस साल जून के पहले पखवाड़े तक यह अनुपात 71 पर था और चांदी की कीमतें बढ़ कर 21.9 डॉलर के मौजूदा स्तर पर पहुंच गई हैं। इन सभी अवसरों पर चांदी की चमक, सोने के अनुपात में धीरे धीरे फीकी पड़ी है। लेकिन इस बार हालात सोने के लिए ज्यादा अनुकूल हैं। (BS Hindi)
30 सितंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें