22 सितंबर 2010
यमुना के रौद्र रूप से चिंतित हुए लोग
समालखा. कई दिनों तक सामान्य धारा में बहने के बाद हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना फिर से उफान पर है। बढ़ते जल स्तर के कारण जहां यमुना किनारे बसे गांव के लोग भयभीत हंै वहीं प्रशासन ने भी यमुना पर पहरा बढ़ा दिया है। तेज बहाव के कारण बिलासपुर के पास तटबंध में आई दरार को देखते हुए नहरी विभाग के अधिकारी वहां से पानी के बहाव को दूर रखने के लिए मिट्टी के कट्टों से बांध बनाने में जुटे हैं। पानी बढ़ने पर राक्सेडा के पास बसे गांव घोड़ीवाला में पानी एक बार फिर घुस गया है। इसके अलावा खोजकीपुर, बिलासपुर, राक्सेडा, सिम्भलगढ़, कारकौली के किसानों की हजारों एकड़ फसलें एक बार फिर बाढ़ के पानी में समा गई हैं। सोमवार को पानी के लगातार बढ़ने के कारण हालात का जायजा लेने के लिए नहरी विभाग के एसई केके गुप्ता ने भी अधिकारियों के साथ बिलासपुर सहित कई गांवों का दौरा किया। यमुना में लगातार बढ़ते पानी के कारण पहले बाढ़ का मंजर देख चुके लोगों के माथे पर फिर से चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। प्रशासन ने भी यमुना पर पहरा बढ़ा दिया है। यमुना में जल स्तर बढ़ते देख तमाशबीनों को भी यमुना से दूर ही रोकने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। बिलासपुर में बढ़ा दबावयमुना का जल स्तर बढ़ने के कारण बिलासपुर के पास नीचे ही नीचे कटाव शुरू हो गया है, जिसके चलते तटबंध में दरार आई गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए नहरी विभाग के अधिकारियों ने बिलासपुर में डेरा डाल दिया है। तटबंध से पानी के बहाव को दूर रखने के लिए पत्थर की बनाई गई ठोकरों के ऊपर व साथ में मिट्टी के कट्टे लगाने का काम जोरो पर चल रहा है, ताकि बांध को नुकसान से बचाया जा सके। इससे पहले भी यमुना में पानी के बहाव ने बिलासपुर में ही पत्थरों की बनाई गई ठोकरों को पूरी तरह से धवस्त कर दिया था। नहरी विभाग के एक्सईन अनिल रामदेव, एसडीओ जोगीराम कर्मचारियों के साथ बांध पर तैनात है। यमुना में बढ़ते पानी के कारण सोनीपत जिले के उपायुक्त अजीत बालाजी जोशी, गन्नौर के एसडीएम, तहसीलदार ज्ञानी राम ने बिलासपुर का दौरा किया। बीडीपीओ हुकमचंद ने सिम्भलगढ़ में बांध का निरीक्षण किया। बांध को ही काटने में लगे बिलासपुर तटबंध में नीचे से हो रहे कटाव ने संबंधित विभाग की नींद उड़ा दी है। आनन फानन में अधिकारी एक जगह से तटबंध को टूटने से बचाने के लिए दूसरी जगह उसी तटबंध से ही मिट्टी उठाकर कट्टो में भरते हुए मिट्टी के कट्टों का बांध बांधने में लगे हैं। लेकिन उनको इतना होश नहीं है कि जहां से वे मिट्टी उठा रहे हैं वहीं से कटाव हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी साल भर तो आकर देखते तक नहीं, जब लोग बर्बाद हो जाते हैं तब भागे चले आते हैं। हथवाला वासी अशोक कुमार, कुलदीप, रवींद्र, ओमप्रकाश त्यागी, रमेश, रामकुमार, आट्टा वासी विकास, सुनील का कहना है कि जब से यमुना पर क्षेत्र में बांध बना है उस दिन से लेकर आज तक बांध की मरम्मत तक नहीं की गई है। जबकि प्रदेश व केंद्र सरकार की तरफ से हर साल इनकी मरम्मत के लिए लाखों रुपए पास किए जाते हंै। बाढ़ ने फिर बढ़ाई किसानों की परेशानीसनौली. दस दिन तक सरकार और प्रशासन द्वारा गांव पत्थरगढ़ में टूटे यमुना के तटबंध को भरने के दावों पर उस मसय पानी फिर गया, जब सोमवार को यमुना का जल स्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और पानी इस तटबंध में डाली गई मिट्टी को धता बताते हुए दोबारा हजारों एकड़ फसल में पहुंच गया। इससे एक बार फिर किसान दुविधा में फंस गए हैं। उन्हें डर सता रहा है कि सरकार और प्रशासन सिर्फ उन्हें ढांढस बंधाने के सिवाय कुछ नहीं कर रही। इसका जीता जागता प्रमाण दस दिनों में भी टूटे तटबंध को बंद न किया जाना है। सीएम और डीसी भले टीम को तटबंध जल्द बंद करने की आदेश देकर गए हों, लेकिन आदेश पर कितना अमल किया गया इसका प्रमाण सबके सामने है।फिर टूटा कई गांवों से संपर्कटूटे तटबंध से बाढ़ का पानी साथ लगते गांव पत्थरगढ़, नवादा-आर, नवादा-पार, गढी जलालापुर, गढ़ी बैसक, राणा माजरा, सनौली खुर्द, सनौली कलां, झांबा, धनसौली, कुराड़, नगला-आर, नगला-पार आदि गांवों के खेतों में पानी पूरी तरह से भर गया है। ऐसे में सड़कों पर बाढ़ का पानी भरने से दर्जनों गांवों का रास्ता बंद होने से अन्य गांवों का उनसे संपर्क टूट गया है। गांव नवाद-आर से गढ़ी जलालपुर जाने वाली सड़क पर पांच फुट से ज्यादा तक पानी का बहाव चल रहा है। यही नहीं सनौली खुर्द स्थित गोशाला भी एक बार फिर बाढ़ की चपेट में आ गई है।डीसी ने की जेसीबी की सवारी उपायुक्त जेएस अहलावत सोमवार को यमुना क्षेत्र में पत्थरगढ़ गांव के पास कटे तटबंध से आए पानी का जायजा लेने के लिए जेसीबी का सहारा लेना पड़ा। उपायुक्त अपने कार्यालय से सनौली तक कार से, तामशाबाद तक जीप से और उसके बाद जेसीबी में सवार होकर तटबंध तक गए। उपायुक्त के साथ अतिरिक्त उपायुक्त एके बिश्नोई और उपमंडलाधीश समालखा एमआर ढुल भी थे। उपायुक्त के अनुसार यमुना के साथ लगते गांव में चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस और सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पैट्रोल ड्यूटी पर रहेंगे। कल हथनीकुंड बैराज से करीब 7 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, जिसके आज सोमवार रात तक पानीपत में पहुंचने की उम्मीद थी। हालांकि पानी तेजी से आगे की ओर निकल रहा है। उनका कहना है कि पानी से फसलों में कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन पानी उतरने के बाद ही हो पाएगा। (Dainik Bhaskar)
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