04 सितंबर 2010
चने में गिरावट
स्टॉकिस्टों की बिकवाली से चने की कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले पंद्रह दिनों में हाजिर बाजार में चने के दाम 4.4 फीसदी और वायदा बाजार में 5.9 फीसदी घट चुके हैं। हालांकि नई फसल आने में अभी करीब साढ़े चार-पांच महीने का समय शेष है, लेकिन उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक ज्यादा है। ऐसे में आगामी दिनों में त्यौहारी मांग निकलने से चने की मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है, लेकिन भारी तेजी की संभावना नहीं है। वायदा बाजार में गिरावट नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर निवेशकों की बिकवाली से चने की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। पिछले पंद्रह दिनों में वायदा बाजार में इसके दाम करीब 5.9 फीसदी घट चुके हैं। 18 अगस्त को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में चने का भाव 2,396 रुपये प्रति क्विंटल था जोकि शुक्रवार को घटकर 2,253 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। अक्टूबर के वायदा अनुबंध में 1,15,210 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि स्टॉकिस्टों की बिकवाली से गिरावट को बल मिला है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में बारिश अच्छी हो रही है ऐसे में रबी सीजन में होने वाली बुवाई बढऩे की संभावना है। दाल और बेसन में उठाव कमजोर बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील बंदेवार ने बताया कि इस समय चना दाल और बेसन में मांग कमजोर है जबकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ी हुई है। हालांकि त्यौहारी सीजन को देखते हुए आगामी दिनों में चना दाल और बेसन में मांग बढ़ेगी, इसलिए अगले महीने कीमतों में कुछ सुधार आ सकता है। वैसे भी पिछले दस-बारह दिनों में आयातित चने की कीमतों में करीब 10 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। ऑस्ट्रेलियन चने का दाम मुंबई में 495 डॉलर प्रति टन हो गया। पैदावार में हुई बढ़ोतरी कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2009-10 में चने का उत्पादन बढ़कर 73.50 लाख टन का होने का अनुमान है जो कि वर्ष 2008-09 के 65 लाख टन से ज्यादा है। मध्य प्रदेश में स्टॉक ज्यादा मध्य प्रदेश की छत्तरपुर मंडी स्थित मैसर्स अजय इंडस्ट्रीज के सुनील अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश की मंडियों में स्टॉकिस्टों के पास चने का बंपर स्टॉक बचा हुआ है। चालू सीजन में अच्छी बारिश हुई है जिससे चना डंकी होने का खतरा बढ़ गया है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है जिससे गिरावट को बल मिला है। छत्तरपुर मंडी में चने का भाव घटकर 1,950-2,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। इंदौर मंडी में शुक्रवार को भाव घटकर 2,190 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। पिछले पंद्रह दिनों में यहां इसकी कीमतों में करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। हाजिर में दाम घटे अलवर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि अलवर मंडी में चने का करीब 45-50 हजार टन का स्टॉक बचा हुआ है तथा पिछले एक सप्ताह में ही इसकी कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 2,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि मानूसनी वर्षा अच्छी हुई है जिससे नए सीजन में चने की बुवाई में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि चने की नई फसल की आवक कर्नाटक में जनवरी महीने में बनेगी तथा उसके बाद महाराष्ट्र में फरवरी महीने में और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में नई फसल मार्च-अप्रैल में आयेगी। आगामी दो महीने में त्यौहारी सीजन होने के कारण चना दाल और बेसन में खपत अच्छी रहेगी, लेकिन इससे भारी तेजी की उम्मीद नहीं है। दिल्ली में मांग के मुकाबले आवक ज्यादा मध्य प्रदेश और राजस्थान से चने की दैनिक आवक मंाग के मुकाबले ज्यादा है। इसीलिए पिछले पंद्रह दिनों में दिल्ली के लारेंस रोड़ पर चने के दाम 100 रुपये घटकर 2,250 से 2,260 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (Business Bhaskar...aar as raana)
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