नई दिल्ली September 17, 2010
केंद्रीय मंत्रिमंडल वायदा अनुबंध नियमन कानून (एफसीआरए) में संशोधन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाने के लिए तैयार हो गई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इस संशोधन के बाद वायदा बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) भी पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरह एक स्वायत्तशासी निकाय बन जाएगा और प्रभावशाली ढंग से अपनी भूमिका को निभा सकेगा।इस विधेयक पर संसद की स्थायी समिति ने विचार-विमर्श किया। व्यापक सलाह मशविरे के बाद ही उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से इस कानून मेंं संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिल पाई। दरअसल अभी तक एफएमसी इसी मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में ही काम करता रहा है।इस विधेयक के संसद में पारित होने के बाद वायदा बाजार आयोग बेहतर ढंग से बाजार का नियमन कर सकेगा। इस समय एफएमसी देश भर के23 कमोडिटी एक्सचेंजों की निगरानी कर रहा है। यह पारंपरिक ढंग से काम कर रहा है। यह बात अलग है कि वर्ष 2003 से ही बाजार को उदार कर दिया गया है। विधेयक में एफएमसी को आयकर भुगतान से छूट, नीतिगत मसलों में उसके निर्देश जैसे प्रावधान किए गए हैं। विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। (BS Hindi)
17 सितंबर 2010
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