नई दिल्ली September 20, 2010
महंगाई से परेशान आम उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है कि खाद्य तेलों के भाव में गिरावट का रुझान है। कारोबारियों के मुताबिक अच्छी बारिश के कारण देश में तिलहन का उत्पादन बढऩे की संभावना है। इस उम्मीद के चलते महीने भर में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के भाव 3 से 5 फीसदी तक घट गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक देश में खाद्य तेलों का स्टॉक अधिक होने के कारण भी कीमतों में गिरावट को बल मिला है।पिछले एक माह के दौरान घरेलू बाजार में रिफाइंड सोया तेल इंदौर डिलीवरी के भाव 520 रुपये से घटकर 495 रुपये, सरसों तेल दादरी डिलीवरी के भाव 20 रुपये घटकर 530 रुपये और मूंगफली तेल के भाव 30 रुपये घटकर 880 रुपये प्रति 10 किलो रह गए हैं। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड पाम तेल के भाव 880 डॉलर से घटकर 872 डॉलर और आरबीडी पामोलीन के भाव 940 डॉलर से घटकर 922 डॉलर प्रति टन रह गए हैं।खाद्य तेलों के भाव में आई गिरावट के बारे में दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन (डिवोटा) के महासचिव हेमंत गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगले महीने के दूसरे सप्ताह से तिलहन की नई फसल आने लगेगी और इस बार अच्छी बारिश के कारण इसकी पैदावार बढऩे की उम्मीद है। इस वजह से खाद्य तेलों में गिरावट का रुख है। उनका कहना है कि फिलहाल त्योहार न होने से मांग भी सामान्य चल रही है। गुप्ता बताते है कि इस बार तिलहन का रकबा बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 10 सितंबर तक 171.39 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुआई हो चुकी है, पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 167.70 लाख हेक्टेयर था।भाव में गिरावट के बारे में सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री ऐंड ट्रेड (कोइट) के चेयरमैन सत्यनारायण अग्रवाल का भी कहना है कि अनुकूल मौसम के कारण इस बार तिलहन के उत्पादन बढऩे की उम्मीद के साथ ही अंतरराष्टï्रीय बाजार में नरमी के कारण भी खाद्य तेलों में गिरावट का रुख है।कारोबारियों के मुताबिक अगस्त में रिकॉर्ड खाद्य तेलों का आयात होने के काण उपलब्धता अधिक है, जिससे कीमतों में गिरावट को बल मिला है।सॉल्वेट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक अगस्त में रिकॉर्ड करीब 10.65 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ है, जो पिछले अगस्त के मुकाबले 64 फीसदी अधिक है। जुलाई माह के दौरान करीब 8 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ। वहीं तेल वर्ष 2009-10 (नवंबर-अगस्त) के दौरान करीब 74.48लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ, इसमें पिछली समान से 5 फीसदी इजाफा हुआ है। देश के बंदरगाहों पर इस समय करीब 6.8 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक बचा है और करीब 7 लाख टन खाद्य तेल पाइपलाइन में है। इस तरह कुल स्टॉक करीब 13.8 लाख टन है, जो पिछली समान अवधि के मुकाबले 13.58 फीसदी अधिक है। आगे खाद्य तेलों की आगे कीमतों के बारे में गुप्ता का कहना है कि दिवाली के समय त्योहारी मांग के चलते इसकी कीमतों में तेजी आ सकती है, फिलहाल कीमतों में नरमी जारी रहने के आसार है। (BS Hindi)
21 सितंबर 2010
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