मुंबई September 21, 2010
देश के अग्रणी कमोडिटी ब्रोकर अभिनव उत्पादों और सेवाओं के अभाव में नए डेरिवेटिव एक्सचेंजों से दूरी बनाए हुए हैं।दो अलग-अलग ब्रोकिंग फर्मों के प्रमुखों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि उन्होंने नए कमोडिटी एक्सचेंजों से बिल्कुल नए उत्पाद एवं सेवाएं शुरू करने के साथ-साथ कुछ रियायतें देने की मांग की है, ताकि मौजूदा एक्सचेंजों और नए एक्सचेंजों में अंतर किया जा सके। ब्रोकरों का कहना है कि इसके बाद ही वे नए एक्सचेंजों की सदस्यता लेने के बारे में कोई अंतिम निर्णय ले सकेंगे।हालांकि कुछ ब्रोकरों ने नए एक्सचेंजों में खुद को यह सोचकर सूचीबद्घ कराया है कि इनके माध्यम से आने वाले वर्षों के दौरान उन्हें कारोबार के नए तरीके और अभिनव उत्पाद मुहैया होंगे, जिससे भविष्य के कारोबारी मौके भुनाने में मदद मिलेगी। मुंबई की ब्रोकिंग फर्म के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'नए कमोडिटी एक्सचेंजों की सदस्यता लेना बिल्कुल मुफ्त है। इसके लिए केवल एक फॉर्म भरने की जरूरत होती है और ऐसा करने में हमें कोई हिचकिचाहट नहीं है। लेकिन, गौर करने वाली बात यह है कि नए एक्सचेंजों की सदस्यता लेने वाले कितने ब्रोकरों ने ट्रेडिंग शुरू की है।Ó ऐंजल ब्रोकिंग में कमोडिटीज ऐंड करेंसीज के निदेशक नवीन माथुर का कहना है कि नए एक्सचेंजों के ज्यादातर अनुबंध विनिर्देश पुराने एक्सचेंजों की नकल-मात्र हैं। जाहिर है, नए एक्सचेंजों में कुछ अलग नहीं है। यही वजह है कि हम इनसे दूर ही रहना बेहतर समझ रहे हैं। माथुर ने कहा, 'ग्राहक अपने पैसे की अहमियत चाहते हैं। नए एक्सचेंजों की दहलीज पर जाने से पहले हमें इस कदम का औचित्य साबित करना होगा।Ó एसीई डेरिवेटिव्स ऐंड कमोडिटीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप भाटिया ने बताया कि दो ब्रोकरों ने नए एक्सचेंजों से यह स्पष्टï करने की मांग कर रखी है कि इन एक्सचेंजों में ऐसी क्या बात है, जो मौजूदा एक्सचेंजों से अलग है। एसीई 200 अन्य नए सदस्यों के साथ फिलहाल इस बात की पड़ताल करने में लगा है कि नए कमोडिटी एक्सचेंजों में लॉट की साइज क्या है, गोदाम की सुविधा कैसी है और डिलिवरी केंद्रों की हालत कैसी है। इन्हीं चीजों के आधार पर नए एक्सचेंजों और मौजूदा एक्सचेंजों में अंतर किया जा सकता है। भाटिया ने कृषि उत्पाद, बहुमूल्य धातु, ऊर्जा एवं बेस मेटल की ट्रेडिंग इस वर्ष अक्टूबर में किसी भी समय शुरू करने की योजना बनाई है। ट्रेडरों को लगता है कि नए कमोडिटी एक्सचेंजों में अंतर-विनिमय आर्बिट्रेज के अलावा कुछ भी नया नहीं है। मसलन सोने का दिसंबर अनुबंध फिलहाल 19,102 रुपये प्रति 10 ग्राम है। नए एक्सचेंजों में भी सोने का दिसंबर अनुबंध 19,104 रुपये या 19,100 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इसका मतलब यह हुआ कि ब्रोकर एक एक्सचेंज से कम भाव पर खरीदारी करके दूसरे एक्सचेंज में थोड़े अधिक भाव पर बिक्री से हल्का मुनाफा काट सकते हैं। माथुर कहते हैं, 'इसके अलावा नए एक्सचेंजों में अन्य तमाम चीजें पुराने एक्सचेंजों के समान ही हैं। (BS Hindi)
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