नई दिल्ली September 22, 2010
गंगा और यमुना में आई बाढ़ ने पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलों में और भी इजाफा कर दिया है। बाढ़ के कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। इन दोनों नदियों के किनारे के ज्यादातर सब्जी उत्पादक इलाके जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ के कारण हरी सब्जियों के मुख्य उत्पादक हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल से सड़क मार्ग खराब होने के कारण दूसरे राज्यों और राज्य के भीतर सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्टï्र, पंजाब और हरियाणा में भी कुछ ऐसा ही हाल है। इस कारण सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक कम हो गई है और इनके दाम में काफी इजाफा हुआ है।अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गधावे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि देश के कई राज्यों में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण सब्जियों में रोग लग गया है। इस कारण सब्जी उत्पादन में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। दिल्ली की फल एवं सब्जी मंडी आजादपुर के सब्जी कारोबारी बलबीर सिंह भल्ला ने बताया कि दिल्ली में हरी सब्जियों की आवक यमुना किनारे के इलाकों और हिमाचल से होती है। लेकिन बाढ़ के कारण इन इलाकों में सब्जी की फसल बरबाद हो गई है। मध्य प्रदेश, महाराष्टï्र और राजस्थान से आवक हो रही है लेकिन लगातार बारिश के कारण इन राज्यों में भी सब्जी उत्पादन घटा है। दिल्ली में सब्जियों की आवक 60-70 फीसदी कम हो गई है।हिमाचल प्रदेश के सब्जी उत्पादक रविंदर चौहान बताते हैं कि राज्य में सब्जियों को बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से संपर्क टूटने से भी आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान हो रहा है। बाढ़ और लगातार बारिश के कारण मंडी में सब्जियों की आवक घटने से इनके दाम आसमान पर होने की बात से सब्जी कारोबारी सुभाष चुघ भी इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने बताया कि टमाटर को छोड़कर सभी सब्जियों के दाम में काफी इजाफा हुआ है। प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण मंडी में इसकी आवक 120-130 ट्रक से घटकर 70-80 ट्रक रह गई है। आलू की आवक 110-120 ट्रक से घटकर 80-90 ट्रक रह गई है। मंडी हरी सब्जियों में गोभी, मटर, लौकी, तोरई की आवक महज 30 फीसदी है। (BS Hindi)
24 सितंबर 2010
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