रमजान के बाद खाड़ी देशों की आयात मांग बढऩे से जीरे की कीमतों में तेजी की संभावना है। सीरिया और चीन के पास जीरे का स्टॉक सीमित मात्रा में बचा हुआ है। जबकि भारत में नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में बनेगी तथा बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम है। हालांकि उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश से बुवाई बढऩे की संभावना है लेकिन सितंबर-अक्टूबर में निर्यात मांग बढऩे से जीरे की कीमतों में दस से पंद्रह फीसदी की तेजी बन सकती है।
मुंबई स्थित मैसर्स जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एस शाह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि रमजान के त्यौहार के कारण खाड़ी देशों की आयात मांग कमजोर बनी हुई है। रमजान चालू सप्ताह में समाप्त हो रहा है ऐसे में चालू महीने के मध्य तक खाड़ी देशों की आयात मांग निकलनी शुरू हो जाएगी। वैसे भी सीरिया के पास इस समय जीरे का बकाया स्टॉक 12 से 15 हजार टन और चीन के पास 10 से 12 हजार टन का ही बचा हुआ है। इसीलिए भारत से निर्यात मांग बढऩे की संभावना है। जिससे मौजूदा कीमतों में दस से पंद्रह फीसदी की तेजी आ सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे का भाव 3,000 डॉलर प्रति टन, सीरिया के जीरे का भाव 2,950 डॉलर प्रति टन, टर्की के जीरे का भाव 2,900 डॉलर प्रति टन और चीन के जीरे का भाव 2,750 डॉलर प्रति टन का भाव चल रहा है। चीन के जीरे की क्वालिटी भारत की तुलना में काफी हल्की है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान जीरा निर्यात में 19 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान 13,500 टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 16,720 टन का निर्यात हुआ था।
हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार के प्रोपराइटर विरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि त्यौहारी सीजन शुरू होने के कारण आगामी दिनों में जीरे में घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी बढऩे की संभावना है। ऊंचे भावों में मुनाफावसूली आने से पिछले बीस दिनों में वायदा बाजार में इसके दाम 8.3 फीसदी और हाजिर में 5.3 फीसदी घटे हैं। ऊंझा मंडी में मंगलवार को भाव घटकर 13,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह में इसका भाव बढ़कर 14,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। उत्पादक मंडियों में जीरे का 10-11 लाख बोरी (एक बोरी-55 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है जोकि पिछले साल की तुलन में करीब आधा है।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले बीस दिनों में जीरे की कीमतों में 8.2 फीसदी की गिरावट आकर भाव 13,842 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अठारह अगस्त को वायदा में इसका भाव बढ़कर 15,108 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। (Business Bhaskar.....aar as raana)
08 सितंबर 2010
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