24 सितंबर 2010
शुगर फ्यूचर्स पर दीवाली के बाद भी रोक संभव
नई दिल्ली : चीनी का वायदा कारोबार शुरू करने का फैसला अक्टूबर के त्योहारों के सीजन के बाद तक टाला जा सकता है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) चीनी का वायदा कारोबार शुरू करने के कमोडिटी एक्सचेंजों के आवेदन को नवंबर-दिसंबर तक मंजूरी नहीं देगा। इसकी वजह यह आशंका है कि वायदा कारोबार शुरू होने से चीनी की मांग बढ़ने के समय एक्सचेंजों पर इसकी कीमतों में हेराफेरी हो सकती है। चीनी के वायदा कारोबार पर पिछले साल मई में रोक लगा दी गई थी। साल 2009-10 में गन्ने का कम उत्पादन देखते हुए यह फैसला लिया गया था। हालांकि इसके बाद भी चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही और इस साल जनवरी में चीनी का खुदरा भाव 50 रुपए प्रति किलो के नजदीक तक पहुंच गया था। यह प्रतिबंध 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। एफएमसी के प्रमुख बी सी खटुआ ने कहा था कि वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत उत्पादन के आंकड़ों, आपूर्ति, कीमतों और अन्य बातों को ध्यान में रखकर दी जाएगी। खटुआ ने वायदा कारोबार शुरू करने के लिए अक्टूबर में हरी झंडी देने का संकेत दिया था। चीनी का सीजन गन्ने की पेराई के साथ अक्टूबर में ही शुरू होता है। कारोबारी इस बात पर चिंता जाहिर कर चुके हैं कि चीनी के वायदा कारोबार को मंजूरी देने से इसकी कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है। कारोबारियों का कहना है कि दिवाली के दौरान चीनी जैसी जरूरी कमोडिटी की मांग अपने चरम पर होती है, ऐसे में अगर इस दौरान इसके वायदा कॉन्ट्रैक्ट शुरू किए जाते हैं तो यह सीधे तौर पर खुदरा बाजार में चीनी की कीमतों को बढ़ाएगा। इस वर्ष गन्ने की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। इसकी वजह से चीनी के ज्यादा उत्पादन के अनुमान की वजह से बाजार में इसकी कीमतों में पिछले कुछ वक्त में गिरावट आई है। इस वक्त बाजार में चीनी का भाव 30 रुपए के करीब चल रहा है। (ET Hindi)
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