24 सितंबर 2010
सेबी ने खारिज किया MCX-SX का आवेदन
मुंबई : बाजार नियामक सेबी ने एमसीएक्स-एसएक्स का वह आवेदन खारिज कर दिया है, जिसमें उसने स्टॉक और डेट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शुरू करने की अनुमति मांगी थी। सेबी ने शेयरहोल्डिंग नियमों का पालन न करने, महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने, 'आर्थिक हितों' के केंद्रीकरण और निवेशकों के साथ 'अवैध' बायबैक सौदों जैसे कारणों का हवाला देते हुए एमसीएक्स-एसएक्स का यह आवेदन खारिज किया। एक्सचेंज ने सितंबर 2008 में करेंसी डेरिवेटिव कारोबार शुरू किया था और शेयरों, इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव और बॉन्ड में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी से अनुमति मांग रहा था। एक प्रेस रिलीज में एमसीएक्स-एसएक्स ने कहा, 'हम इसे लंबे-चौड़े आदेश का हर पहलू से अध्ययन कर रहे हैं और अपने कानूनी सलाहकारों से मशविरा करने के बाद इस पर उचित कदम उठाएंगे। तब तक, हम अपने करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट पर काम जारी रखेंगे।' इस एक्सचेंज को फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज ग्रुप ने प्रमोट किया है, जिसके पास कमोडिटी स्टाक एक्सचेंज एमसीएक्स का भी मालिकाना हक है। एमसीएक्स-एसएक्स ने इस साल जुलाई में सेबी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। एक्सचेंज की शिकायत थी कि नियमन संबंधी सभी जरूरतें पूरी करने के बाद भी सेबी उसे शेयर, डेरिवेटिव और बॉन्ड में ट्रेडिंग की इजाजत देने में देरी कर रहा है। अदालत ने सेबी को एमसीएक्स-एसएक्स के आवेदन पर फैसला लेने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया था। सार्वजनिक तौर पर एमसीएक्स-एसएक्स और सेबी के बीच चल रही जंग की जड़ में सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाने और उसे बनाए रखने के तरीके से जुड़े नियम (एमआईएमपीएस रूल्स) हैं। इस मामले में एक्सचेंज का दावा है कि उसने नियमों का पालन किया है, जबकि सेबी का कहना है कि एक्सचेंज ने नियमों का पालन नहीं किया है। अगस्त के अंत में सेबी के कारण बताओ नोटिस के जवाब में एमसीएक्स-एसएक्स ने कहा था कि एमआईएमपीएस रूल्स का पालन करने के लिए उसने जिस कैपिटल रिडक्शन स्कीम (जिसमें शेयरधारकों को पूंजी लौटाई जाती है) के जरिए प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटाई, उसका सुझाव सेबी के ही एक एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने दिया था और उसने इसकी जानकारी सेबी चेयरमैन सी बी भावे को भी दी थी। हालांकि सेबी ने एक्सचेंज का यह दावा खारिज कर दिया। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के एम अब्राहम ने अपने आदेश में कहा, 'एमसीएक्स-एसएक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर जोसेफ मैसी ने अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने मौखिक तौर पर सेबी में अधिकारियों को सूचना दी थी। हालांकि, इस बैठक में क्या हुआ, उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। रिकॉर्ड के अभाव में मुझे इस बहस पर और विचार करना जरूरी नहीं लगता।' एमआईएमपीएस नियमों के तहत प्रमोटर सहित कोई भी व्यक्ति किसी स्टॉक एक्सचेंज में अधिकतम 5 फीसदी हिस्सेदारी रख सकता है। हालांकि, कुछ वित्तीय संस्थानों को अधिकतम 15 फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति हो सकती है। (BS Hindi)
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