चंडीगढ़ September 22, 2010
इस मॉनसून में कपास उत्पादन पट्टी में होने वाली भारी बारिश ने देश के टेक्सटाइल हाउसों की नींद उड़ा दी है। पंजाब, हरियाणा, महाराष्टï्र, सौराष्टï्र के तटीय इलाके और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने कपास मिलों को मुश्किल में डाल दिया है। इन मिलों के पास कपास का बेहद कम भंडार बचा हुआ है और मिलों को ऐसे में परिचालन जारी रखने की चिंता सता रही है।पाकिस्तान में बाढ़ और चीन में कपास के माकूल मौसम नहीं होने के कारण अंतरराष्टï्रीय बाजार में कपास के दाम 1 डॉलर प्रति पौंड हो गए हैं। जाहिर है अंतरराष्टï्रीय बाजार में इसकी बढ़ती कीमतों का असर घरेलू बाजार पर भी पडऩे के आसार हैं। हालांकि घरेलू कपड़ा मिलों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। देश में कपास का भाव फिलहाल 4,000 रुपये प्रति मन चल रहा है, यह पिछले साल के भाव के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है।दक्षिण भारतीय कपास संगठन के मानद सचिव आर एन विश्वनाथन का कहना है, 'मॉनसून अब तक जारी रहने के कारण इस बार कपास उत्पादन अनुमानित 325 लाख बेल से कम रह सकता है।Ó उन्होंने कहा कि मॉनसून समाप्ति के बाद फसल में कीड़ा लगने की भी आशंका है। टेक्सटाइल की दिग्गज कंपनी वर्धमान के लिए अपने संयंत्रों की न्यूनतम क्षमता का इस्तेमाल करना भी मुश्किल हो रहा है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, 'कपास के फूल पूरी तरह खिल चुके हैं, ऐसे में नमी कपास की फसल के लिए खराब साबित हो सकती है (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें