नई दिल्ली September 09, 2010
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होने के साथ ही आपकी दाल-रोटी-चावल जेब पर भारी पड़ सकती है। दरअसल इसमें खाद्यान्नों पर ज्यादा कर लगाने की बात है। इसमें भी गेहूं और चावल पर ज्यादा मार पड़ेगी। अभी तक आधे राज्य इन पर मूल्य वद्र्घित कर (वैट) नहीं वसूलते हैं। उन्हें इन पर 4 फीसदी वैट वसूलने की इजाजत है। लेकिन राज्य और केंद्र इन्हें रियायती सूची में नहीं डालते हैं तो जीएसटी में इन पर 12 से 20 फीसदी तक कर लगाया जाएगा।फिलहाल जीएसटी से छूट वाली सूची में खाद्यान्नों का जिक्र नहीं है। केंद्र इस मामले में अपनी सूची में कतरब्योंत कर उसे राज्यों की सूची के बराबर कर रहा है, जिसमें केवल 99 वस्तुओं का जिक्र है। इनमें खाद्यान्न नहीं हैं। अगर सरकार गेहूं और चावल पर कम से कम कर वसूलते हैं तो भी इसकी दर 12 फीसदी होगी। अभी वैट के अलावा भी स्थानीय प्रशासन खाद्यान्नों पर तमाम वैधानिक शुल्क वसूलते हैं, जो जारी रहेंगे। (BS Hindi)
14 सितंबर 2010
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