13 सितंबर 2010
रबर में तेजी : टायर-ट्यूब की बढ़ेंगी कीमतें
नेचुरल रबर की कीमतों में आई तेजी से छोटी एवं मझोली इकाइयों की लागत बढ़ रही है। इसलिए ये कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतों में छह से आठ फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती हैं। एम एल गुप्ता चेयरमैन (उत्तर भारत), ऑल इंडिया रबर इंडस्ट्रीज एसोसिएशननेचुरल बाजार में पिछले एक महीने में दाम घटे हैं, लेकिन भविष्य में फिर दाम बढऩे की संभावना है। रबर की कीमतों का हवाला देकर टायर कंपनियां पिछले छह महीनों में टायर के दाम 10-13 फीसदी तक बढ़ा चुकी हैं। अशोक खुराना, सचिव, रबर मर्चेंट्स एसोसिएशनमांग के मुकाबले उत्पादन कम होने से निकट भविष्य में नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी के आसार हैं। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान नेचुरल रबर का उत्पादन 2.97 लाख टन का हुआ है जबकि इस दौरान खपत बढ़कर 3.90 लाख टन की हो गई है। नवंबर-दिसंबर तक घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के उत्पादन का पीक सीजन रहता है। दिसंबर के बाद उत्पादन में कमी आनी शुरू हो जायेगी। साथ ही चीन की भारी मांग से भारत और विदेशी बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों का अंतर कम हो गया है। जिसके कारण आयात पड़ता भी नहीं लग रहा है। इसलिए उद्योग ने सरकार से नेचुरल रबर के आयात पर शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी करने की मांग की है लेकिन किसानों के हितों को देखते हुए ऐसा किए जाने की संभावना कम ही है। ऑल इंडिया रबर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एआईआरएआई) के उत्तर भारत के चेयरमैन एम.एल. गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि घरेलू बाजार में दिसंबर तक नेचुरल रबर के उत्पादन का पीक सीजन रहता है। लेकिन उसके बाद उत्पादन में कमी आनी शुरू हो जाती है। अगस्त महीने में नेचुरल रबर का घरेलू उत्पादन करीब 12 फीसदी बढ़कर 72,500 टन का हुआ है लेकिन उत्पादन के मुकाबले मांग ज्यादा निकल रही है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों में और तेजी की संभावना है। ऐसे में छोटी और मझोली कंपनियां आगामी दिनों में अपने उत्पादों की कीमतों में छह से आठ फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। रबर मर्चेंस एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि उद्योग ने सरकार से नेचुरल रबर के आयात पर शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी करने के साथ ही दो लाख नेचुरल रबर का आयात करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में पिछले एक महीने में नेचुरल रबर की कीमतों में करीब 17 रुपये प्रति किलो की कमी आई है लेकिन विदेशी बाजार में दाम करीब 13 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं। शुक्रवार को केरल के कोट्टायम में आरएसएस-5 और आरएसएस-4 के दाम घटकर क्रमश: 172 और 167 रुपये प्रति किलो रह गए। लेकिन इस दौरान सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर की कीमतें घटकर 162-163 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) हो गईं। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान नेचुरल रबर का उत्पादन बढ़कर 2.97 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका उत्पादन 2.74 लाख टन का हुआ था। अप्रैल से अगस्त के दौरान नेचुरल रबर की खपत बढ़कर 3.90 लाख टन की हुई है। पिछले साल अप्रैल से अगस्त के दौरान 3.77 लाख टन नेचुरल रबर की खपत हुई थी। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर की खपत बढ़कर 9.78 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि इस दौरान उत्पादन का अनुमान 8.93 लाख टन होने का है। उत्पादन बनाम खपतअप्रैल-अगस्त के दौरान 2.97 लाख टन नेचुरल रबर का उत्पादन पिछले साल समान अवधि में 2.74 लाख टन हुआ था उत्पादनइस साल इस दौरान खपत बढ़कर हो गई है 3.90 लाख टन बीते साल समान अवधि में 3.77 लाख टन की हुई थी खपत वर्ष 2010-11 में देश में 9.78 लाख टन नेचुरल रबर की खपत का अनुमान रबर बोर्ड के मुताबिक इस साल उत्पादन 8.93 लाख टन होने की संभावना (Business Bhaskar....aar as raana)
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