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24 सितंबर 2010

बढ़ रही है लाल मिर्च की मांग

भारी स्टॉक के बावजूद निर्यातकों की मांग बढऩे से लाल मिर्च की कीमतों में तेजी बनी हुई है। चालू महीने में वायदा बाजार में लाल मिर्च की कीमतें 10.8 फीसदी और हाजिर में करीब 12' बढ़ चुकी है। गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक 23 फीसदी ज्यादा है तथा नवंबर महीने में मध्य प्रदेश की नई फसल आ जाएगी। इसीलिए मौजूदा कीमतों में 300-400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी तो और भी आ सकती है लेकिन भारी तेजी की संभावना कम है। मुंबई स्थित अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि लाल मिर्च में बंाग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया और मलेशिया की अच्छी मांग बनी हुई है। इस समय आयातकों की ज्यादा मांग तेजा और 334 क्वालिटी की लाल मिर्च में है। जिससे इनकी कीमतों में चालू महीने में ज्यादा तेजी आई है। गुंटूर के थोक व्यापारी विनय बुबना ने बताया कि हाजिर बाजार में चालू महीने में लाल मिर्च की कीमतें 500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुकी है। बुधवार को मंडी में तेजा क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव बढ़कर 6600-6800 रुपये, 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 4600-4700 रुपये, ब्याडगी क्वालिटी के भाव 6200-6500 रुपये, सनम क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 4600-4800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान फटकी क्वालिटी के भाव बढ़कर 2400-2700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2010-11 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल निर्यात 77,750 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 62,800 टन लाल मिर्च का निर्यात हुआ था।गुंटूर चिली मर्चेंटस एसोसिएशन के सदस्य कमलेश जैन ने बताया गुंटूर में लाल मिर्च का 35-37 लाख बोरी (एक बोरी-40 किलो) का बचा हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के 29-30 लाख बोरी से ज्यादा है। नवरात्रों के बाद नई फसल की बुवाई का कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन चालू सीजन में कपास और हल्दी का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ा है। इसीलिए लाल मिर्च की बुवाई में कमी आने की आशंका है। लेकिन बकाया स्टॉक ज्यादा होने और मध्य प्रदेश की नई फसल को देखते हुए मौजूदा कीमतों में भारी तेजी की संभावना नहीं है। इंदौर के लाल मिर्च व्यापारी खोजरमल प्रजापति ने बताया कि मध्य प्रदेश में लाल मिर्च की नई फसल की आवक नवंबर महीने में शुरू हो जाएगी तथा दिसंबर में आवक का दबाव बन जाएगा। पिछले साल मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का उत्पादन 32.5 लाख बोरी का हुआ था। चालू सीजन में भी उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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