22 सितंबर 2010
यहां करें निवेश मिलेगा मोटा मुनाफा
मुनाफे का गुरचांदी बनें रहेंएमसीएक्स पर 2 अगस्त को चांदी 29,197 रुपये थी जो 17 सितंबर को 32,478 रुपये प्रति किलो हो गई। दाम अभी और बढऩे के आसार-निकिल बनें रहेंनिकिल का भाव डेढ़ महीने में 1011 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 1082 रुपये प्रति किलो, उद्योगों की मांग से आगे और बढ़ोतरी के आसार-ग्वार करें बिकवालीबंपर उत्पादन का अनुमान। दो महीने में दाम 16.2प्रतिशत घटे। एनसीडीईएक्स पर 2 अगस्त को भाव 2,395 रुपये प्रति क्विंटल, 17 सितंबर को घटकर 2006 रुपये -कॉपर मुनाफावसूली करेंकॉपर का भाव वायदा में 2 अगस्त को 344 रुपये था जो बढ़कर 359 रुपये प्रति किलो हो गया। भाव घटने पर 335-338 रुपये के स्तर पर खरीद करना बेहतरगेहूं बढ़ेंगे दामखुले बाजार में स्टॉक कम तथा सरकार का बिक्री भाव ज्यादा, दाम बढ़ सकते हैं। वायदा में दो महीने में 3.8प्रतिशत गिरावट से भाव 1,226 रुपये प्रति क्विंटल। इन भावों पर खरीद करना बेहतर -सोना बनें रहेंएमसीएक्स पर सोना 2 अगस्त के 17,816 रुपये से बढ़कर 17 सितंबर को 19,214 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके 1300 डॉलर से ऊपर जाने की संभावनामेंथा बनें रहें-पैदावार पिछले साल की तुलना में कम, निर्यात मांग बढ़ रही है। एमसीएक्स पर 2 अगस्त को दाम 739 रुपये था, 17 सितंबर को 817 रुपये हो गयारबर निकलना बेहतरमुनाफावसूली से शनिवार को एनएमसीई पर भाव घटकर 167 रुपये प्रति किलो। अगस्त में उत्पादन बढ़ा, चालू महीने में भी उत्पादन बढऩे की संभावना। इसीलिए दाम और गिरेंगे।बिड़ला मनी के कमोडिटी प्रमुख अमर सिंह की सलाह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अभी अनिश्चितता है और भारतीय बाजार स्थिर हैं लेकिन क्रूड के भाव गिरे हैं। बेस मेटल्स पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। इसलिए निवेशक सोना-चांदी में अपनी आधी पोजीशन काट सकते हैं।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में तेजी का असर घरेलू और वायदा बाजार में इनकी कीमतों पर दिख रहा है। कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि सोने-चांदी के साथ-साथ निकिल में और कुछ समय तक तेजी बनी रहेगी। इसलिए निवेशक अभी इन जिंसों में अपना निवेश बरकरार रख सकते हैं। लेकिन एक और नॉन-एग्रो कमोडिटी कॉपर के बारे में उनकी राय है कि निवेशकों को इसमें मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए। जहां तक एग्रो कमोडिटी का सवाल है, मेंथा ऑयल और गेहूं में खरीद करना बेहतर होगा लेकिन ग्वार और रबर में अभी और तेजी के आसार नहीं होने से बिकवाली उचित रहेगी। कासा कमोडिटी के सीनियर रिसर्च एनॉलिस्ट मुन्ना महतो ने बताया कि एमसीएक्स पर पिछले दो महीने में चांदी ने 11.6 फीसदी, सोने ने 8.5 फीसदी, निकिल ने 6.2 फीसदी और कॉपर ने 3.75 फीसदी का रिटर्न दिया है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और डॉलर की कमजोरी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी में अभी तेजी बनी रहने की संभावना है। महतो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1300 डॉलर से ऊपर जाने की संभावना है। हालांकि बांबे बुलियन एसोसिएशन के निदेशक भार्गव वैद्य उनसे पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखते। उनकी राय है कि कम से कम नए निवेशक इस समय सोना और चांदी फ्यूचर में प्रवेश न करें। उन्होंने इन कमोडिटी में मुनाफावसूली की सलाह दी है। एमसीएक्स पर 2 अगस्त 2010 को चांदी का भाव 29,197 रुपये प्रति किलो था जो 17 सितंबर को बढ़कर 32,478 रुपये प्रति किलो हो गया। सोने का भाव भी इस दौरान 17,816 रुपये प्रति दस ग्राम से बढ़कर 19,214 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। निकिल का भाव 1011 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 1082 रुपये प्रति किलो हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक चाहें तो सोने, चांदी और निकिल में अपनी 50 फीसदी पोजीशन काट सकते हैं। आगे दाम और बढऩे के आसार हैं इसलिए बाकी बिकवाली तब कर सकते हैं। कॉपर के बारे में उनका कहना है कि अभी इसमें मुनाफावसूली बेहतर होगी। कॉपर का भाव वायदा में 2 अगस्त को 344 रुपये था जो बढ़कर 359 रुपये प्रति किलो हो गया है। भाव घटने पर 335-338 रुपये के स्तर पर खरीद करनी चाहिए। बिड़ला मनी के कमोडिटी प्रमुख अमर सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अभी तक अनिश्चितता है और भारतीय बाजार स्थिर हैं लेकिन क्रूड ऑयल के भाव गिरे हैं। बेस मेटल्स पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। इसलिए निवेशक चांदी और सोना में अपनी आधी पोजीशन काट सकते हैं। एंजल कमोडिटी के एग्री विश्लेषक बदरुद्दीन ने बताया कि मेंथा की पैदावार पिछले साल की तुलना में कम है जबकि निर्यात मांग लगातार बढ़ रही है। इसीलिए मेंथा ऑयल में निवेशक बने रह सकते हैं। पिछले दो महीने में मेंथा ऑयल ने एमसीएक्स पर 10.5 फीसदी का रिर्टन दिया है। दो अगस्त को इसका दाम 739 रुपये प्रति किलो था जो 17 सितंबर को बढ़कर 817 रुपये प्रति किलो हो गया। उन्होंने बताया कि अनुकूल मौसम के कारण ग्वार का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है। निवेशकों के लिए इसे होल्ड करने के बजाय इसमें बिकवाली करना बेहतर होगा। पिछले दो महीने में एनसीडीईएक्स पर ग्वार के दाम 16.2 फीसदी घट चुके हैं। दो अगस्त को इसका भाव 2,395 रुपये प्रति क्विंटल था जो 17 सितंबर को घटकर 2006 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि खुले बाजार में गेहूं का स्टॉक कम है तथा सरकार का बिक्री भाव ज्यादा है। अत: आगामी दिनों में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं। गेहूं के वायदा अनुबंध में पिछले दो महीने में 3.8 फीसदी की गिरावट आकर भाव 1,226 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। इन भावों पर खरीद करना बेहतर होगा। रबर में निवेशकों की मुनाफावसूली से शनिवार को एनएमसीई पर भाव घटकर 167 रुपये प्रति किलो रह गए। अगस्त में उत्पादन बढ़ा है तथा चालू महीने में भी उत्पादन बढऩे की संभावना है इसीलिए मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना है। (Business Bhaskar......aar as raana)
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