नई दिल्ली। सरकार ने देश में राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों की संख्या तय करने का फैसला किया है। ये आठ से ज्यादा नहीं होंगे। सरकार का मानना है कि जिंस वायदा बाजार की सतत वृद्धि के लिए यह जरूरी है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने वायदा बाजार नियामक एफएमसी से सलाह-मशविरा लेने के बाद राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों की संख्या तय करने पर फैसला किया है। अभी राष्ट्रीय स्तर पर देश में चार एक्सचेंज एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, एनएमसीई और आईसीईएक्स काम कर रहे हैं।
अहमदाबाद कमोडिटी एक्सचेंज [एसीई] और यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज [यूसीई] को लांच होना अभी बाकी है। हाल ही में इस्पात समूह के प्रमोद मित्तल द्वारा प्रवर्तित गोंटरमैन पीपर्स [इंडिया] ने एफएमसी के पास राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज खोलने के लिए आवेदन किया है। यदि इसको अनुमति मिल जाती है तो देश में कुल सात राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज हो जाएंगे।
एफएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों की अधिक संख्या कोई बहुत अच्छी बात नहीं है। अलबत्ता इनकी गुणवत्ता जरूरी है। यही देखते हुए इनकी संख्या को तय करने का फैसला किया गया है। जिंस वायदा बाजार के लिए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय नीति बनाता है, जबकि एफएमसी चार राष्ट्रीय और 19 क्षेत्रीय एक्सचेंजों की कार्यप्रणाली पर नजर रखता है। (Dainik jagarn)
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