मुंबई September 02, 2010
कृषि विभाग ने गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए 9 राज्यों को 350 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह धनराशि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत उत्पादन बढ़ाने की योजना लागू करने के लिए जारी की गई है।इन 9 गेहूं उत्पादक राज्यों में बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं, जिन्होंने कुछ महीने पहले अपनी कार्य योजना पेश की थी। इस कार्ययोजना को लागू करने के लिए मंत्रालय ने धन दिए जाने को स्वीकृति दी है। इस धन का आवंटन विभिन्न योजनाओं- प्रमाणित हाइब्रिड बीज के आवंटन, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स को प्रोत्साहन देने, उपकरणों और कृषि मशीनरी की खरीद के लिए किया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को बाद में गेहूं की खेती की योजना के तहत बाद में और धन का आवंटन किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि बेहतर बारिश होने की वजह से गेहूं का उत्पादन बेहतर रहने के अनुमान हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले कुछ सालों की तुलना में बेहतर रहेगा। सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्त 640 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का मुख्य उद्देश्य आवश्यक जिंसों- गेहूं, चावल, मक्का और दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी करना है। प्राथमिकता के अन्य क्षेत्र हैं कि बॉयो फर्टिलाइजर और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल कर मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति को बढ़ाया जाए।साथ ही यह भी प्रस्ताव है कि अरहर, मसूर की खेती को बढ़ावा दिया जाए और मक्के तथा गन्ने की खरीफ फसल का रकबा बढ़ाया जाए। कृषि फार्मों में यंत्रीकरण के साथ-साथ ड्रिप और फुहार विधि से सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद से भारत के पास गेहूं का अतिरिक्त स्टॉक है। बंपर पैदावार की उम्मीद और ज्यादा स्टॉक होने की वजह से सरकार को निर्यात की छूट देने का अवसर मिला है। जुलाई 2010 में वाणिज्य मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय से संपर्क किया है, जिससे सरकारी कंपनियां 9 लाख टन और निजी क्षेत्र 6.5 लाख टन गेहूं का निर्यात कर सके। अधिकारियों ने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध मॉनसूनी बारिश की प्रगति का आकलन किए जाने के बाद हटाया जा सकता है। (BS Hindi)
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