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03 सितंबर 2010

राज्यों को 25 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न

केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कीमतों पर राज्यों को 25 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी। यह आवंटन चालू साल की बकाया अवधि में किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में खाद्यान्न मामलों पर गठित अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की गुरुवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न बांटने के आदेश को लेकर इस बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि, खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री शरद पवार ने संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त अनाज का आवंटन राज्य सरकारों को अगले छह महीने के लिए किया जायेगा। मालूम हो कि बीपीएल परिवारों को गेहूं 4.15 प्रति किलो और चावल 5.65 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीपीएल परिवारों को आवंटित अनाज की प्रणाली में भी सुधार किया जायेगा। इससे बीपीएल परिवारों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के अनाज सडऩे के बजाए गरीबों में मुफ्त बांटने के आदेश के बाद सरकार ने ईजीओएम की बैठक बुलाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को स्पष्ट कर दिया था कि उसने केंद्र सरकार को अनाज बांटने संबंधी सलाह नहीं स्पष्ट आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को केंद्रीय कृषि मंत्री ने सलाह बताते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की हर सलाह को मानना संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने पास जुलाई के पहले सप्ताह में 578.50 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक बचा हुआ है जबकि तय मानकों के हिसाब से एक जुलाई को 269 लाख टन खाद्यान्न का बफर स्टॉक और रिजर्व स्टॉक को मिलाकर दे तो 319 लाख टन अनाज का स्टॉक होना चाहिए। हाल ही में कृषि मंत्री शरद पवार ने लोकसभा में बताया था कि 6.86 करोड़ रुपये का 11,700 टन खाद्यान्न बर्बाद हुआ है। बर्बाद हुए अनाज में 9,141 टन चावल, 2,486 टन गेहूं और 81 टन चावल है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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