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03 सितंबर 2010

पवार द्वारा चीनी डिकंट्रोल प्रस्ताव पीएम को

नियंत्रण हटने से किसान और उपभोक्ताओं को भी होगा फायदा - केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवारचीनी उद्योग को डिकंट्रोल करने के प्रस्ताव पर जानकारी देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने गुरुवार को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मुलाकात की। सरकार चीनी की बिक्री में मिलों को स्वतंत्रता देने पर विचार कर रही है। इस समय सरकार मिलों द्वारा चीनी बिक्री के लिए हर माह कोटा निर्धारित करती है और राशन की दुकानों पर बेचने की 20 फीसदी चीनी बाजार भाव से कम दर पर लेवी के रूप में मिलों से खरीदती है।अगले सीजन में चीनी का जोरदार उत्पादन होने की संभावना है। चीनी उद्योग की लॉबी का सरकार पर जबर्दस्त दबाव है। अगले साल चीनी के बेहतर उत्पादन की संभावना को डिकंट्रोल के लिए आधार बनाया जा रहा है। खाद्य मंत्रालय ने चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने के लिए मन बना लिया है। सूत्रों के अनुसार पवार ने प्रधानमंत्री के समक्ष चीनी से नियंत्रण हटाने के संबंध में विस्तृत प्रजेंटेशन दिया।पवार ने अपने प्रजेंटेशन में यह समझाने की कोशिश की कि चीनी उद्योग से नियंत्रण हटाने से किसानों और उपभोक्ताओं को किस तरह फायदा हो सकता है। समझा जाता है कि पवार ने चीनी के मासिक कोटे और राशन की दुकानों पर वितरण के लिए हर माह मिलों से फिक्स रेट पर चीनी की अनिवार्य खरीद की व्यवस्था बंद करने की पैरवी की। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि मिलों से सस्ते रेट पर चीनी लेने के बजाय सरकार को खुले बाजार से चीनी खरीदकर राशन की दुकानों पर बांटना चाहिए। इस समय मिलों को 20 फीसदी चीनी लेवी के रूप में सरकार को बेचनी पड़ती है।प्रस्ताव के अनुसार किसानों को गन्ने की फसल किसी भी मिल को कहीं भी बेचने की छूट दी जानी चाहिए। पिछले माह सरकार ने कहा था कि मंत्रालय चीनी उद्योग को डिकंट्रोल करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। यह प्रस्ताव संबंधित मंत्रालयों को विचार विमर्श के लिए भेजा जाएगा और बाद में पारित कराने के लिए केबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार गन्ने की मिलों द्वारा खरीद के लिए फेयर एंड रिन्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) तय करने का अधिकार अपने पास ही रखेगी। पवार ने बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर भी प्रधानमंत्री से चर्चा की जिसमें उसने गेहूं और चावल सडऩे देने के बजाय गरीबों को बेचने का बात कही है। (Business Bhaskar)

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