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03 सितंबर 2010

गुड़ में भारी गिरावट के आसार

प्रमुख उत्पादक मंडी मुजफ्फरनगर में गुड़ का स्टॉक 47 फीसदी अधिक होने के कारण कीमतों में गिरावट की संभावना है। मंडी में इस समय गुड़ का 6.93 लाख कट्टे (प्रति कट्टा 40 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4.69 लाख कट्टों का ही स्टॉक था। मौसम साफ रहा तो डेढ़ महीने बाद नए गुड़ की आवक शुरू हो जाएगी। इसीलिए गुड़ में मांग घट गई है जिससे कीमतों में गिरावट बननी शुरू हो गई है। फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बताया कि गुड़ का बंपर स्टॉक होने के कारण मांग कम हो गई है। वैसे भी चालू सीजन में गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। अगर मौसम साफ रहा तो 15 अक्टूबर के बाद उत्पादक मंडियों में नए गुड़ की आवक शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह में करीब 80 हजार कट्टे गुड़ की बिक्री हुई है।अगर मांग इसी हिसाब से बनी रही तो अगले छह सप्ताह में करीब 4.80 लाख कट्टे गुड़ की खपत हो जाएगी जबकि इस समय स्टॉक 6.93 लाख कट्टों का बचा हुआ है। गुड़ के थोक कारोबारी मांगी लाल मुंदड़ा ने बताया कि पशुआहार गुड़ का स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है जबकि इसमें मांग कमजोर बनी हुई है। इस समय मंडी में रसकट गुड़ का स्टॉक 2.36 लाख कट्टों का है जो पिछले साल की समान अवधि के 1.10 लाख कट्टों से ज्यादा है। इसी तरह से पपड़ी गुड़ का स्टॉक भी इस समय 1.18 लाख कट्टों का है जो पिछले साल की समान अवधि के 99 हजार कट्टों से ज्यादा है। खारी बावली स्थित मैसर्स देशराज राजेंद्र कुमार के प्रोपराइटर देशराज ने बताया कि स्टॉकिस्टों की बिक्री बढ़ गई है जिससे पिछले दो-तीन दिनों में गुड़ की कीमतों में करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली में गुड़ चाकू का भाव घटकर 2,800 से 2,850 रुपये और गुड़ पेड़ी का भाव घटकर 2,900 से 2,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। उधर मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ चाकू का भाव घटकर 980-1,020 रुपये प्रति 40 किलो रह गया। रसकट का भाव घटकर इस दौरान 660 से 670 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में रसकट गुड़ के स्टॉकिस्टों को भारी घाटा हुआ है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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