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01 सितंबर 2010

एफसीआई के गेहूं का उठान बहुत कम है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का सस्ता गेहूं भी खरीदने में फुटकर उपभोक्ता दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस वजह से राज्यों की ओर से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत इस गेहूं का उठान बहुत कम है। गौरतलब है कि ओएमएसएस के तहत एफसीआई बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं के अलावा फुटकर विक्रेताओं को भी गेहूं बेच रही है। इस वर्ग में घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा छोटी फ्लोर मिल, आटा चक्की संचालक, ब्रेड और बिस्कुट बनाने वाली छोटी इकाइयों और घरेलू उपभोक्ता भी गेहूं ले सकती हैं। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत रिटेल पिछले साल अक्टूबर से इस साल सितंबर तक उपभोक्ताओं को वितरित करने के लिए आवंटित गेहूं में से सिर्फ 24 फीसदी गेहूं बिका। जबकि सरकारी गेहूं का दाम खुले बाजार के मुकाबले करीब 125 से 150 रुपये प्रति क्विंटल कम है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर-09 से सितंबर-10 के दौरान ओएमएसएस के तहत में रिटेल उपभोक्ताओं के लिए 21,65,286 टन गेहूं आवंटित किया गया था। बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए इसके अतिरिक्त 16,69,342 टनगेहूं आवंटित किया गया था। इसमें से भी सिर्फ 12,55,169 टन गेहूं उठाया गया। फुटकर उपभोक्ताओं के लिए आवंटित 21 लाख टन से ज्यादा गेहूं में से चालू अगस्त के आखिरी सप्ताह तक करीब 11 माह में राज्यों ने केवल 4,80,113 टन गेहूं उठाया। उत्तर भारत के राज्यों में जहां पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने इस दौरान कोई गेहूं नहीं उठाया, वहीं मध्य प्रदेश ने कुल आवंटन का 14 फीसदी, दिल्ली ने 56 फीसदी और राजस्थान ने 60 फीसदी गेहूं का ही उठान किया। पंजाब को 1,77,964 टन गेहूं का आवंटन किया गया था, लेकिन वहां कोई उठान नहीं हुआ। इसी तरह से हरियाणा को 39,044 टन, उत्तर प्रदेश को 1,03,036 टन और झाखंड को 6,298 टन गेहूं आवंटित किया गया था लेकिन इन राज्यों ने भी उठान में दिलचस्पी नहीं ली। उधर, मध्य प्रदेश के लिए इस दौरान 1,07,770 टन गेहूं का आवंटन किया गया था लेकिन उसने केवल 14,917 टन गेहूं का ही उठान किया है। दिल्ली बाजार में इन दिनों गेहूं का दाम 1,230-1235 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि एफसीआई के गेहूं का दाम 1,111.54 रुपये प्रति क्विंटल है। (Business Bhaskar)

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