लगता है सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का विभाग गरीबों को मुफ्त अनाज बंटवाने के मामले में ज्यादा ही सक्रिय हो गया है। इस मुद्दे को लेकर गुरूवार को खाद्य मामले से जुड़े अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की बैठक होगी। फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के गोदामों में पड़े अनाज और अतिरिक्त अनाज को गरीबों में मुफ्त बंटवाने के एजेंडे पर विस्तार से इस बैठक में चर्चा होगी।
गौरतलब है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास अनाजों के भंडारन क्षमता में कमीं के चलते हर साल सैकड़ों टन अनाज सड़ जाता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को कहा था कि अगर सरकार अनाजों का ठीक से भंडानरन नहीं कर सकती तो उसे खुले में रखकर सड़ाने से अच्छा है कि गरीबों में मुफ्त बांट दिया जाए।
आपको बता दें कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी खाद्य मामलों से जुड़े अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समुह के अध्यक्ष हैं। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के सम्बंध में प्रणब दा बैठक में कुछ विशेष सुझाव देने वाले हैं।
पिछले महीने खुद शरद पवार ने लोकसभा में यह कहा था कि 2000-01 से 2009-10 के बीच 7.36 लाख टन अनाज बर्बाद हुआ है। वहीं इस साल जुलाई महीने तक 11,7000 टन से ज्यादा अनाज बर्बाद हुआ है। जिसकी कीमत करीब 6.86 करोड़ रुपए है। फिलहाल सरकारी गोदामों में 57.8 मिलियन टन अनाज पड़ा हुआ। जबकि बफर स्टॉक के नियमों के मुताबिक सरकारी गोदामों में 31.9 मिलियन टन अनाज उपलब्ध होना चाहिए। (Dainik Bhaskar)
01 सितंबर 2010
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