नई दिल्ली August 18, 2010
देश में पर्याप्त कोल्ड स्टोर न होने के कारण हर साल 20-25 फीसदी फल एवं सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं। ऐसे में कोल्ड स्टोर निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी ) ने कोल्ड स्टोर स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी बढ़ा दी है।राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कोल्ड स्टोर के निर्माण, विस्तार, आधुनिकीकरण के तहत दी जाने वाली 25 फीसदी सब्सिडी को बढ़ाकर 40 फीसदी करने के बोर्ड के प्रस्ताव को सरकार ने पिछले माह मंजूरी दे दी है। पहाड़ी इलाकों के लिए सब्सिडी को 33.33 फीसदी से बढ़ाकर 55 फीसदी कर दिया है। सब्सिडी बढ़ाने के बारे में कुमार का कहना है कि इस साल जनवरी महीने में अच्छी गुणवत्ता वाले कोल्ड स्टोर विकसित करने के लिए नए तकनीक मानक बनाए गए थे, इन मानकों के आधार पर बनने वाले कोल्ड स्टोर की लागत अधिक है।इसलिए सब्सिडी को बढ़ाया गया है। बोर्ड के तीन नए तकनीकी मानकों में पहला लंबी अवधि तक उत्पादों (जिनके लिए प्रीकूलिंग की आवश्यकता नहीं ) को भंडारण करने के लिए मल्टी कमोडिटी कोल्ड स्टोर, दूसरा कम और लंबी अवधि के लिए उत्पादों (जिनके लिए कूलिंग जरूरी है) और तीसरे कंट्रोल एटमॉस्फीयर (सीए) स्टोरेज वाले कोल्ड बनाए जाएंगे। सीए वाले कोल्ड स्टोर बनने से फल एवं सब्जी को 10 माह तक तरोताजा रखा जा सकता है, जबकि मौजूदा कोल्ड स्टोर में यह समय सीमा पांच सें छह माह ही है। पहले मानक के आधार पर बनने वाले कोल्ड स्टोर की लागत 6,000 रुपये प्रति टन, दूसरे के लिए 8,000 रुपये प्रति टन और तीसरे मानक के आधार पर बनने वाले कोल्ड स्टोर की लागत 32,000 रुपये प्रति टन है।देश में बोर्ड की स्कीम के तहत इस समय कोल्ड स्टोर स्थापित करने, आधुनिकीकरण , विस्तारण पर सब्सिडी देता है। इस स्कीम के तहत 5000 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोर को निर्माण किया जाता है। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य कटाई बाद बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस स्कीम का लाभ गैर सरकारी संगठन यानी एनजीओ, उत्पादकों का संगठन, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी , कॉरपोरेट, सहकारी संस्थाएं, कृषि उपज विपणन समिति, विपणन बोर्ड और एग्री इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन ले सकते है। (BS Hindi)
20 अगस्त 2010
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