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30 अगस्त 2010

निर्यात मांग कम होने से हल्दी में गिरावट का रुख

निर्यातकों के साथ घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग घटने से हल्दी की कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। वायदा बाजार पखवाड़े भर में हल्दी के दाम आठ फीसदी और हाजिर में 3.2 फीसदी घटे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात 11 फीसदी घटा है। वैसे भी चालू सीजन में हल्दी की बुवाई में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में इसकी मौजूदा कीमतों में और भी चार-पांच फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। टर्मरिक मर्चेंट्स एसोसिएशन के सदस्य एस. सी. गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में हल्दी किसानों ने ऊंचे भाव को देखते हुए बुवाई ज्यादा की है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में हल्दी के बुवाई क्षेत्रफल में करीब 25' की बढ़ोतरी का अनुमान है। हालांकि उत्पादक मंडियों में पुराना स्टॉक केवल 15 लाख बोरी (प्रति बोरी 70 किलो) का ही बेचा हुआ है। लेकिन निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग कमजोर होने से गिरावट को बल मिला है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हल्दी का निर्यात 11 फीसदी घटा है। अप्रैल-मई महीने में देश से हल्दी का निर्यात 10,350 टन का हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के 9,625 टन से ज्यादा था। निजामाबाद मंडी के थोक कारोबारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि कमजोर मांग से पिछले पंद्रह दिनों में हल्दी की कीमतों में करीब 500 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। निजामाबाद मंडी में भाव घटकर गुरुवार को 15,000 रुपये और इरोड मंडी में 15,500 से 15,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि निजामाबाद मंडी में दैनिक आवक केवल 500 से 700 बोरी की ही हो रही है। लेकिन इरोड़ में दैनिक आवक करीब 5000 बोरी की हो रही है।थोक व्यापारी डूंगरचंद ने बताया कि उत्पादक मंडियों में केवल 15-16 लाख बोरी का ही स्टॉक बचा हुआ है। हालांकि बुवाई में बढ़ोतरी हुई है लेकिन नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में बनेगी। नई फसल की आवक बनने में करीब छह महीने का समय शेष है। निर्यात और घरेलू मांग को मिलाकर करीब हर महीने करीब 2.5 लाख बोरी की खपत होती है। इसलिए मौजूदा कीमतों में 500-700 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने के बाद नीचे भावों में फिर से स्टॉकिस्टों की खरीद निकलने की संभावना है। वायदा बाजार एनसीडीईएक्स पर अगस्त महीने के वायदा अनुंबध में पिछले पंद्रह दिनों में करीब 8 फीसदी की गिरावट आई है। 22 जुलाई को अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव 15,118 रुपये प्रति क्विंटल था जो गुरुवार को घटकर 13,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।बात पते कीमंडियों में हल्दी के मौजूदा कीमतों में 500-700 रुपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आ सकती है। लेकिन बाद में नीचे भावों में फिर से स्टॉकिस्टों की खरीद निकलने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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