28 अगस्त 2010
भूमि अधिगृहण नीति का अनुसरण करेगा केंद्र
हमारे प्रतिनिधिचंडीगढ़, 26 अगस्त। हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई भूमि अधिग्रहण नीति को लेकर विपक्षी भले ही कितना ही बवाल मचाएं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की नीति को सही ठहराया है। युवा नेता राहुल गांधी को हरियाणा की नीति इतनी पसंद आई कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह कर उन्हें पूरे देश में हरियाणा को अनुसरण करने पर रा•ाी कर लिया। मिर्चपुर के औचक दौरे के बाद आज (27 अगस्त) हरियाणा दौर पर आने से पूर्व राहुल की यह टिप्पणी हरियाणा सरकार की पीठ थपथपाने जैसी है। आज अपने उडीसा दौरे के दौरान भी राहुल ने आदिवासियों के सामने हरियाणा की भूमि अधिग्रहण नीति की सराहना की।हुड्डा सरकार ने भूमि अधिग्रहण को लेकर पिछले कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए थे। विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) के नाम पर जमीन अधिग्रहण करने पर भूमि मालिकों को 33 वर्ष तक रॉयल्टी दिए जाने का फैसला देशभर में अनूठा माना जा रहा है। हरियाणा शहरी संपदा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के लिए 16362.595 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। विभाग द्वारा 31 मार्च, 2010 तक भूमि मालिकों को 4173.66 करोड़ रुपये की राशि का मुआवजा वितरित किया गया।सरकार ने द्वारा राज्य में पुनर्वास एवं पुन:स्थापन नीति लागू की हुई है। इस नीति के तहत अधिगृहीत भूमि के मालिकों एवं विस्थापितों को अधिकतम 350 वर्ग गज़ का आवासीय प्लाट तथा 2.75&2.75 मीटर के वाणिज्यिक बूथ जीवनयापन चलाने के लिए आवंटित किए जाते हैं। इतना ही नहीं, भूमि मालिकों को 33 वर्षों तक 15,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से वार्षिक दी जाती है। इसमें भी 500 रुपये वार्षिक वृद्घि की जा रही है।सरकार ने अब तक 39.51 करोड़ रुपये की राशि वार्षिक के लिए अधिकृत की जा चुकी है, जिसमें से 19.74 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड), टेक्नोलॉजी पार्क तथा टेक्नोलॉजी शहरों के लिए अधिगृहीत की जाने वाली भूमि के मामले में निजी डिवेल्पर द्वारा 33 वर्षों तक 30,000 रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ के साथ दिया जाएगा जिसमें 1000 रुपये प्रतिवर्ष की बढ़ोतरी होगी। यह राशियां भूमि मुआवजे के अतिरिक्त दी जा रही हैं। (Dainik Tribhun)
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