मुंबई August 25, 2010
सोने में निवेश का चलन बढऩे की वजह से इस वर्ष भारत में इसकी मांग रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। आर्थिक मंदी शुरू होने से पहले वर्ष 2007-08 के दौरान देश में सोने की मांग 732 टन रही थी, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। लेकिन यदि मांग के स्तर पर मौजूदा रुझान जारी रहता है, तो इस वर्ष सोने की मांग नया रिकॉर्ड बना सकती है।तीसरी तिमाही का रुझान देखते हुए 'वल्र्ड गोल्ड काउंसिल' (डब्ल्यूजीसी) में भारत एवं पश्चिम एशिया के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा की तो कम-से-कम यही राय है।भारत में आगामी शादियों के मौसम और धनतेरस, दीवाली एवं ओणम जैसे त्योहार भविष्य में सोने की मांग के लिए शुभ संकेत हैं।गौरतलब है कि पिछले साल की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 182 टन रही थी, उस दौरान निवेशक अपने धन का निवेश अन्य परिसंपत्तियों में करना पसंद कर रहे थे। इस वर्ष यदि सोने की मांग का स्तर कम-से-कम पिछले साल जितना भी रहता है, तो तीसरी तिमाही तक कुल मांग 547 टन के स्तर पर जा पहुंचेगी। इसके बाद चौथी तिमाही के दौरान सोने के उपभोग में जबरदस्त बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है, लिहाजा मांग के स्तर पर पिछला रिकॉर्ड ध्वस्त हो सकता है। लेकिन, मित्रा ने चेताया कि एक खराब तिमाही भी तमाम रुझान बदल सकती है।मौजूदा कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत में सोने की मांग पिछले साल की समान अवधि में रही कुल मांग की तुलना में 94 फीसदी बढ़कर 365 टन के स्तर पर जा पहुंची। पिछले कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सोने की मांग 188.4 टन रही थी। कीमत के आधार पर वर्ष 2010 की पहली छमाही के दौरान सोने की मांग वर्ष 2009 की पहली छमाही में रही मांग की तुलना में 122 फीसदी बढ़कर 60,500 करोड़ रुपये के स्तर पर जा पहुंची।सोने के भाव में जबरदस्त बढ़ोतरी की वजह से पहली छमाही के दौरान निवेश के लिए सोने की मांग 264 फीसदी उछाल के साथ 92.5 टन के स्तर पर चली गई। कुल कीमत के आधार पर निवेश के लिए सोने की मांग 300 प्रतिशत की शानदर उछाल के साथ 3,700 करोड़ से बढ़कर 14,800 करोड़ रुपये के स्तर पर जा पहुंची।सोने की मांग में इस जबरदस्त उछाल की एक ठोस वजह यह बताई जा रही है कि भारत में इस पीली धातु के प्रति लोगों का रुझान पारंपरिक रूप से उपभोग की तुलना में निवेश की ओर बढ़ रहा है क्योंकि वैश्विक स्तर पर आर्थिक परिस्थितियां अस्थिर बनी हुई हैं।डब्ल्यूजीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा है, 'सोने को लेकर लोगों का रुझान बदलने के बारे में मौजूदा वर्ष के दौरान अब तक स्पष्टï संकेत मिले हैं। जैसे-जैसे इस वर्ष का कारोबार आगे बढ़ता जा रहा है भारत में सोने के बाजार में भी जबरदस्त तेजी आती जा रही है क्योंकि सोने में निवेश का भरोसा फिलहाल कायम है।'इसके अलावा मई के पहले सप्ताह में अक्षय तृतीया के दौरान जेवरात के लिए सोने की मांग बढ़ी क्योंकि भारत में सोने की खरीदारी के लिए यह त्योहार शुभ माना जाता है।डब्ल्यूजीसी में निवेश के प्रबंध निदेशक मार्कस ग्रब ने कहा कि भारत और चीन में मांग बढऩे की वजह से वर्ष 2010 के दौरान सोने की अच्छी मांग बनी रहेगी। इसके अलावा सार्वजनिक ऋण एवं आर्थिक सुधार के प्रति अनिश्चितता जारी रहने की वजह से सोने में निवेश का चलन और तेज होने की गुंजाइश है, लिहाजा इस धातु की मांग में तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 36 फीसदी बढ़कर 1,050 टन के स्तर पर चली गई। (BS Hindi)
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