August 19, 2010
नादिर गोदरेज, चेयरमैन, गोदरेज एग्रोवेटकृषि और खाद्य कंपनी गोदरेज एग्रोवेट (जीएवीएल) के चेयरमैन नादिर गोदरेज ने खाद्यान्न सुरक्षा और जीन संवर्धित बीज से जुड़े विभिन्न मसलों पर दिलीप कुमार झा से बातचीत की। पेश है खास अंश...कृषि के काम आने वाली जमीन दिन प्रतिदिन घट रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा को संकट हो सकता है। क्या देश में बढ़ते औद्योगीकरण को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं?औद्योगीकरण जरूरी है। जो जमीन कृषि के लिए उपयोगी न हो, उसका औद्योगिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उद्योग जगत कृषि की तुलना में जमीन का बेहतर इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि उपलब्ध जमीन पर ही ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जाए। फलों और सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे किसानों को ज्यादा फायदा होगा। लेकिन फलों और सब्जियों का रखरखाव संकट बना हुआ है?बुनियादी ढांचा कमजोर होने की वजह से हमारे यहां प्रसंस्करण, परिवहन और गोदामों की सुविधा नहीं है। इसकी वजह है कि भारत में हर समय ताजी सब्जियां और फल उपलब्ध रहते हैं। विदेशों में यह अवधि कम होती है, जिससे वहां प्रसंस्करण जरूरी होता है। हमें ताजे फल और सब्जियां उपलब्ध हों, और इनकी बर्बादी न हो, इसके लिए जरूरी है कि देश भर में कोल्ड चेन बनाई जाए। क्या आप खुद का कोल्ड स्टोरेज और गोदाम बनाने के बारे में सोच रहे हैं?हम इस दिशा में बहुत सक्रिय नहीं हैं। लेकिन हम कोल्ड चेन बनाने के लिए साझेदारों की लगातार तलाश कर रहे हैं। हमें खुद के कुछ उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज की जरूरत पड़ती है। भारत की कृषि नीति में कार्पोरेट खेती की अनुमति नहीं है। क्या आप मानते हैं कि यह भारतीय कृषि के विकास में बाधा है?हां। लेकिन इसके बावजूद हम किसानों से बेहतर तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। हमारे पास पाम ऑयल की खेती करने वाले बेहतर किसान हैं। हमें मलेशिया के औसत के करीब पैदावार मिल रही है, भले ही यहां स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार जिंसों के जीएम बीज की खेती को अनुमति देगी, जिसका इस्तेमाल इंसानों के खाने के लिए होगा?हां। यह उचित वक्त है कि सरकार कड़ा फैसला करे और पैदावार बढ़ाने के लिए जीएम बीज को अनुमति दे। लेकिन सुरक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए। क्या जीएवीएल बीजों की हाइब्रिड किस्म और जीएम बीज पेश करने की कोई योजना बना रही है?हम जीएम बीज लॉन्च करने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं। हमें बेहतर परंपरगात बीजों में तमाम संभावनाएं नजर आ रही हैं। (BS Hindi)
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