आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने उत्तर पूर्वी राज्यों, जम्मू कश्मीर, अंडमान निकोबार व लक्षद्वीप को छोड़कर देश के सभी राज्यों में ईबीपी कार्यक्रम लागू करने को मंजूरी दे दी है
नई दिल्ली August 16, 2010
केंद्र सरकार ने देश के ज्यादातर हिस्सों में एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) उपलब्ध कराने की योजना को आज औपचारिक स्वीकृति दे दी। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू कश्मीर, अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप को छोड़कर देश के तमाम राज्यों में ईबीपी कार्यक्रम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।इस योजना के तहत तेल विपणन कंपनियां 27 रुपये प्रति लीटर की एक समान दर से एथेनॉल खरीदकर पेट्रोल में मिलाएंगी और इसकी बिक्री करेंगी। एथेनॉल का यह भाव फिलहाल अस्थायी है। इसे बाद में अंतिम रूप दिया जाना है, जिसमें फेरबदल की गुंजाइश है।सरकार ने अधिकारियों के एक कार्य समूह के गठन की भी मंजूरी दे दी है। यह कार्य समूह एथेनॉल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और 10 फीसदी के दायरे में रहते हुए देश के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल के साथ इसे मिलाए जाने की मात्रा (प्रतिशत में) की सिफारिश करेगा।एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना आयोग के सदस्य डॉ सौमित्र चौधरी की अध्यक्षता वाली एक समिति एथेनॉल का भाव निर्धारित करने के तरीके की शिफारिस करेगी। इस समिति के अन्य सदस्य प्रधान सलाकार (ऊर्जा), सीएसीपी के अध्यक्ष, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संयुक्त सचिव, चीनी उद्योग के प्रतिनिधि संयुक्त सचिव (चीनी) और तेल उद्योग के प्रतिनिधि होंगे।सरकार से अनुमति मिलने के बाद अब तेल विपणन कंपनियों को तमाम मौजूदा अनुबंध खत्म करने होंगे और घरेलू स्रोतों से अस्थायी एक-समान भाव पर एथेनॉल की खरीदारी करनी होगी।इस कदम से गन्ना किसानों को फायदा हो सकता है क्योंकि पेट्रोल में मिलाए जाने वाले एथेनॉल की मात्रा बढ़ाए जाने की गुंजाइश है और इस वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि विभिन्न राज्यों में उपलब्ध अतिरिक्त एथेनॉल ईबीपी कार्यक्रम के तहत खप जाएंगे। (BS Hindi)
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