चंडीगढ़ August 23, 2010
अनाज के भंडारण के संकट की समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बार फिर गोदाम बनाने के लिए निजी क्षेत्र को आकर्षित करने की कोशिश की है। मंत्रालय ने प्राइवेट इंटरप्रेन्योरशिप गारंटी (पीईजी 2008) योजना के मानकों में ढील दी है।भंडारण की जगह के लिए जहां पहले पट्टे की अवधि 7 साल थी, उसे अब बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक पहले 5000 टन अनाज के भंडारण के लिए गोदाम बनाने हेतु जमीन की जरूरत 3 एकड़ से घटाकर 2 एकड़ कर दी गई है। वहीं अतिरिक्त 5000 टन भंडारण के लिए जमीन की जरूरत 2 एकड़ से घटाकर 1.7 एकड़ कर दी गई है।फाइनैंशियल क्लोजर की पहले अग्रिम जरूरत की शर्त थी, वहीं अब इसके लिए बोली की तिथि से 45 दिन के भीतर पेश करने की छूट दी गई है। जमीन की बढ़ी हुई कीमतें एक खास वजह हैं, जिससे निजी क्षेत्र के कारोबारी 5 साल की पीईजी योजना की ओर आकर्षित नहीं हो रहे थे। अब इसमेंछूट दिए जाने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि निजी क्षेत्र के कारोबारी इसकी ओर आकर्षित होंगे।हरियाणा ने जून 2010 में दिए गए टेंडर को पहले ही हटा लिया है और इसकी जगह पर 7 साल की गारंटी योजना के मुताबिक और बदले हुए मानकों के अनुरूप टेंडर निकाले गए हैं। तकनीकी योग्यता जानने के लिए पंजाब ने टेंडर निकालने का फैसला किया है। इस मामले में योग्य बोलीकर्ता ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपाजिट) छोडऩा पड़ेगा, अगर वे पुनरीक्षित दिशानिर्देशों के मुताबिक आवेदन करना चाहते हैं। पंजाब और हरियाणा दो ऐसे राज्य हैं जहां भारतीय खाद्य निगम को भंडारण के मामले में संकट का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके पास भंडारण के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। हरियाणा में 3 लाख टन भंडारण क्षमता के गोदाम बनाने के लिए बोली प्राप्त हुई है। यह 5 साल की पीईजी 2008 योजना के तहत है। अधिकारियों ने कहा कि 10 साल की गारंटी योजना के तहत निजी क्षेत्र से बेहतर रिस्पांस मिलने की उम्मीद है।पंजाब के पास भी अभी इतना ही समय योजना बनाने के लिए है, क्योंकि वहां पर बोली 29 जुलाई को खुली है। वहां पर 67 लाख टन की जरूरत है, जबकि सिर्फ 10 लाख टन के लिए प्रस्ताव मिले हैं। साथ ही टेंडर की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य नए आवेदन आमंत्रित करने की भी योजना बना रहा है। निजी क्षेत्र को 4.78 रुपये प्रति क्विंटल प्रति माह के भाव से किराया देने का ऑफर किया गया है, जिसमें गोदाम का किराया, रखरखाव लागत और निरीक्षण चार्ज शामिल है। इसके अलावा 26 लाख टन की भंडारण क्षमता उत्तर प्रदेश में और 3 लाख टन भंडारण क्षमता राजस्थान में तैयार करना है। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे। (BS Hindi)
24 अगस्त 2010
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