चंडीगढ़ August 13, 2010
पंजाब और हरियाणा में गेहूं के तकरीबन 187 लाख टन के भंडार खाली किए जा सकते हैं। इसमें से 142 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है। गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार संसद में स्वीकार कर चुके हैं कि विभिन्न खाद्य एजेंसियों के पास अतिरिक्त खाद्यान्न का विशाल भंडार पड़ा है और सर्वोच्च अदालत ने सरकारी गोदामों में पड़े खाद्यान्न को सडऩे से बचाने के लिए इनके वितरण की जरूरत जताई है। कुछ दिन पहले मीडिया में खबरें आई थीं कि सरकारी गोदामों में करोड़ों रुपये के खाद्यान्न सड़ रहे हैं, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने जबरदस्त हंगामा किया था। लेकिन सरकारी एजेंसियों के लिए गेहूं के अतिरिक्त भंडार को बाजार में खपाना आसान भी नहीं है। दरअसल इन एजेंसियों की ओर से गेहूं के रिजर्व भाव 1,238 रुपये प्रति क्विंटल (कर एवं ढुलाई खर्च अतिरिक्त) रखा गया है, जो खुले बाजार में उपलब्ध गेहूं के भाव तकरीबन 1,210 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है।यही वजह है कि व्यापारी सरकारी गेहूं नहीं उठा रहे हैं। कुछ ही दिन पहले खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने भारतीय खाद्य निगम को निर्देश दिया था कि वह निजी कारोबारियों को गोदामों में पड़ा गेहूं खरीदने की अनुमति दे। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत कुल 20.81 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है। इसमें से 16.69 लाख टन गेहूं थोक व्यापारियों के लिए और 4.12 लाख टन गेहूं निजी कारोबारियों के लिए है। अब मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस मद में 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं आवंटित किया जा सकता है। मौजूदा प्रावधान के तहत निजी कारोबारी प्रति फर्म प्रति डिपो प्रति दिन 3 से 9 टन गेहूं उठा सकते हैं। थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 100 से 1,000 टन है।पंजाब और हरियाणा में एफसीआई के सूत्रों ने बताया कि ओएमएसएस के तहत जारी गेहूं के लिए फिलहाल व्यापारी नहीं आ रहे हैं और आशंका जताई जा रही है कि सितंबर-अक्टूबर तक यही स्थिति बनी रहेगी, जब तक खुले बाजार में उपलब्ध गेहूं खत्म नहीं हो जाता। ओएमएसएस के तहत अनाज वितरण के लिए पंजाब ने 39 डिपो का चुनाव (प्रति जिला 3 डिपो) किया है। हरियाणा में गेहूं वितरण के लिए तकरीबन 20 डिपो चुने जाएंगे। (BS Hindi)
16 अगस्त 2010
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