नई दिल्ली August 15, 2010
महंगाई पर अवाम और विपक्ष के तीर झेल रही सरकार आने वाले दिनों में अपनी पूरी ताकत इसे काबू में लाने पर ही लगाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 64वें स्वतंत्रता दिवस पर आज राष्ट्र के नाम पर अपने संबोधन में कहा कि महंगाई को काबू में लाना, कृषि विकास की रफ्तार तेज करना और बुनियादी ढांचा खड़ा करना उनकी सरकार की पहली प्राथकिताएं हैं।लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई को कम करने और विकास के लिए नई योजनाओं की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने पहले से जारी योजनाओं को ही अधिक प्रभावी तरीके से भ्रष्टाचार के बगैर लागू किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, शिक्षा का अधिकार, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में लंबित पड़े दो विधेयकों का जिक्र किया और अपनी सरकार की पीठ थपथपाई। लेकिन उन्होंने कृषि में विकास की अरसे से मंद रफ्तार, महंगाई और बुनियादी ढांचे की किल्लत पर चिंता भी जताई। इसके लिए उन्होंने हरित क्रांति पर जोर दिया।सिंह ने महंगाई को बड़ी दिक्कत मानते हुएकहा कि गरीबों पर इसका बहुत असर हो रहा है। किसानों की फसलों के दाम बढ़े हैं, इसलिए खुदरा कीमतों में इजाफा लाजिमी है। इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश की वजह से पेट्रोलियम पर सब्सिडी जारी नहीं रखी जा सकती थी, जिसकी वजह से महंगाई में और तेजी आई। लेकिन उन्होंने यकीन दिलाया कि महंगाई पर काबू उनकी सरकार की प्राथमिकता है।खेतीबाड़ी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में 4 फीसदी वार्षिक विकास दर हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास की दर बढ़ी है, लेकिन अभी लक्ष्य से कम है। उन्होंने कहा कि आम आदमी की भूख मिटाने के लिए कृषि पैदावार बढ़ाने की जरूरत है, जिसके लिए उत्पादकता भी बढ़ानी होगी। लेकिन इसके लिए उन्होंने देश में दूसरी हरित क्रांति की दरकार बताई।अलबत्ता उन्होंने आम जनता को खुश होने की वजह भी बताई। पधानमंत्री की नजर में सबसे बड़ी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती है, जो वैश्विक मंदी के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर गई। उन्होंने कहा, 'तमाम दिक्कतों के बावजूद हमारी आर्थिक विकास दर दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर रही है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था की गहराई और ताकत का अंदाजा लग जाता है।'प्रधानमंत्री ने गांवों और कस्बों में सफाई बेहतर करने पर जोर दिया ताकि बीमारियों को काबू में रखा जा सके। उन्होंने वामपंथी कट्टरपंथियों को हथियार डालने के लिए कहा ताकि देश में शांति व्यवस्था बहाल हो सके। जनजातीय इलाकों के विकास के लिए भी उन्होंने एक योजना लाने की बात कही। (BS Hindi)
16 अगस्त 2010
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