21 अगस्त 2010
धान के बुवाई रकबे में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
47.68 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है अब तक गन्ने की बुवाई105.67 लाख हेक्टेयर के स्तर पर कपास की बुवाई 10 लाख हेक्टेयर ज्यादाचालू खरीफ में धान की रोपाई में 20.69 लाख और दलहन की बुवाई में 17.72 लाख हैक्टेयर तथा मोटे अनाजों की बुवाई में 20.04 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 923.02 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 839.75 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। धान की रोपाई पिछले साल की समान अवधि के 276.84 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 297.53 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। दलहन की बुवाई भी बढ़कर चालू खरीफ में 105.84 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 88.12 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। दलहनों में अरहर, उड़द और मूंग का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ा है। चालू खरीफ में मोटे अनाजों की बुवाई भी पिछले साल के 177.30 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 197.34 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। कपास की बुवाई भी पिछले साल की समान अवधि के 95.59 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 105.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। गन्ने की बुवाई भी चालू बुवाई सीजन में बढ़कर 47.68 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 41.79 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। जूट की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 7.56 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 6.92 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है।-खराब मौसम से एशियाई चावल मजबूतबैंकाक पिछले हफ्तों में एशियाई चावल के दाम में मजबूती दिखाई दे रही है। इस वृद्धि का कारण मांग में बढ़ोतरी बताया जा रहा है। उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों को नुकसान होने की खबरें आ रही हैं। विश्व के चौथे सबसे बड़े चावल उत्पादक देश बांग्लादेश ने इस साल चावल के दोगुने आयात की योजना बनाई है। बांग्लादेश ने यह कदम काला सागर क्षेत्र में सूखे के कारण गेहूं आयात में कमी आने के बाद उठाया है। 2008 के मध्य में चावल के दामों में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई थी। इस बढ़ोतरी का कारण भारत द्वारा गैर बासमती के निर्यात पर रोक लगाना था। (रॉयटर्स)भारत के इस फैसले के बाद वैश्विक बाजार में चावल की मांग और सप्लाई में भारी अंतर आ गया था। प्रीमियम किस्म में आने वाला बासमतीं चावल केवल उत्तरी भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में ही उगाया जाता है। भारत बासमती चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत में प्रति वर्ष लगभग 40 लाख टन बासमती चावल की पैदावार होती है। भारत की तुलना मे पाकिस्तान का बासमती उत्पादन लगभग आधा है। बासमती का निर्यात प्रमुख रूप से यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों को किया जाता है। वर्ष 2008 से पहले भी बासमती अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा दाम पर बिकता था। वर्ष 2008 के पहले जहां स्टैंडर्ड किस्म के सफेद चावल का भाव 320 डॉलर प्रति टन था, वहीं बासमती चावल का भाव उससे कहीं ज्यादा 9000 डॉलर प्रति टन था। (Business Bhaskar)
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