23 अगस्त 2010
केस्टर में तेजी
चीन से केस्टर (अरंडी) तेल की निर्यात मांग बढऩे से केस्टर सीड की कीमतों में तेजी आई है। उत्पादक मंडियों में पिछले दो दिनों में केस्टर सीड के दाम 40 रुपये प्रति 20 किलो बढ़ चुके हैं। हालांकि अक्टूबर में आंध्र प्रदेश में केस्टर सीड की नई फसल आ जाएगी। लेकिन इस समय निर्यात मांग के मुकाबले उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक कम है इसीलिए मौजूदा कीमतों में 40-50 रुपये प्रति 20 किलो की ओर तेजी आने की संभावना है। अहमदाबाद स्थित मैसर्स नेमस्ट ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रकाश भाई ने बताया कि चीन की मांग बढऩे से केस्टर सीड की कीमतों में तेजी आई है। पिछले दो दिनों में उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के दाम 40 रुपये बढ़कर 705 रुपये प्रति 20 किलो हो गए। इस दौरान केस्टर तेल के दाम बढ़कर 780-785 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में नई फसल की आवक अक्टूबर में शुरू हो जाएगी लेकिन उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक कम मात्रा में बचा हुआ है जबकि घरेलू मांग भी बराबर बनी हुई है। इसीलिए केस्टर सीड की मौजूदा कीमतों में और भी 40-50 रुपये प्रति 20 किलो की तेजी आ सकती है। गुजरात की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक घटकर मात्र 5000 हजार बोरी रह गई है। गुजरात के केस्टर सीड के निर्यातक कुशल राज पारिख ने बताया कि उत्पादक मंडियों में सात-आठ लाख बोरी का ही स्टॉक बचा हुआ है जबकि करीब इतना ही स्टॉक तेल मिलों के पास है। जिस तरह से घरेलू और निर्यात मांग निकल रही है, उस हिसाब से अगले दो महीने में करीब 18 से 20 लाख बोरी केस्टर सीड की पेराई के लिए आवश्यकता होगी। इसीलिए तेजी को बल मिल रहा है। चीन के आयात सौदे इस समय 1630 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश की नई फसल की आवक अक्टूबर महीने में शुरू हो जाएगी तथा नवंबर में आवक का दबाव बन जाएगा। इसके बाद दिसंबर-जनवरी में गुजरात की फसल आ जाती है तथा राजस्थान में भी नई फसल की आवक दिसंबर-जनवरी में ही होती है। हालांकि चालू सीजन में किसानों ने केस्टर सीड का ऊंचा दाम देखा है इसीलिए बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू बुवाई सीजन में जुलाई के आखिर तक केस्टर सीड की बुवाई बढ़कर 301,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 218,000 हैक्टेयर से ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में ही केस्टर तेल का निर्यात 83,596 टन का हो चुका है जबकि इस दौरान केस्टर खली का निर्यात भी 53.6 फीसदी बढ़कर 37,246 टन का हुआ है।बात पते की- अक्टूबर में आंध्र प्रदेश में केस्टर सीड की नई फसल आ जाएगी। लेकिन इस समय निर्यात मांग के मुकाबले उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक कम है- आर.एस. राणा rana@businessbhaskar.net (Business Bhaskar)
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