नई दिल्ली August 10, 2010
चीन और पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्टï्रीय बाजार में प्याज का निर्यात अधिक करने के कारण भारत से इसके निर्यात में कमी आने लगी है। जुलाई माह में जून के मुकाबले प्याज के निर्यात में करीब 18 फीसदी से अधिक गिरावट हुई।भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नेफेड ) के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि जुलाई महीने में करीब 1.37 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है, जून महीने में 1.68 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था। पिछले साल जुलाई में यह आंकड़ा 2.05 लाख टन था। उक्त अधिकारी का कहना है कि देश से सबसे अधिक प्याज का निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। इसके अलावा श्रीलंका, मलेशिया, पाकिस्तान सहित खाड़ी देशों को इसका निर्यात होता है। जुलाई में निर्यात कम होने के बारे में अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान में प्याज की नई फसल के कारण वह भी खाड़ी देशों को निर्यात करने लगा है, जबकि जून तक पाकिस्तान भारत से प्याज आयात कर रहा था। पाकिस्तान के अलावा प्रमुख प्याज उत्पादक देश चीन भी दुबई और सऊदी अरब सहित अन्य प्याज आयातक देशों को इसका निर्यात कर रहा है। यही कारण है कि भारत से प्याज के निर्यात में कमी आई है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक 5.86 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 7.93 लाख टन था।मालूम हो कि जुलाई से पहले देश से प्याज के निर्यात मेंं बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। इसकी वजह प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम रहना था। मई माह में प्याज का निर्यात 40 फीसदी और जून में 11 फीसदी बढ़ा था, लेकिन घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में आ रही तेजी को रोकने के लिए नेफेड ने अगस्त के लिए प्याज का एमईपी 20 डॉलर बढ़ाकर 220-225 डॉलर प्रति टन कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष देश में 18.73 लाख टन प्याज निर्यात हुई थी। इसमें करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ था। देश में वर्ष 2009-10 के दौरान प्याज का रिकॉर्ड 95 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है। (BS Hindi)
11 अगस्त 2010
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